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चंडीगढ़ मेयर चुनाव में SC में कल फिर सुनवाई, रिटर्निंग ऑफिसर ने कुबूला- बैलट पेपर पर लगाया था क्रॉस

चंडीगढ़ मेयर चुनाव में BJP प्रत्याशी मनोज सोनकर ने जीत हासिल की थी, लेकिन चुनाव के बाद वोटों की गिनती के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर को सीसीटीवी कैमरे की ओर देखते हुए पाया गया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई थी और अदालत में पेश होने का आदेश दिया था. आज कोर्ट में उन्होंने कुबूल किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस लगाया था.

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प्रिजाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह
प्रिजाइडिंग ऑफिसर अनिल मसीह

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की ओर से दायर की गई याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई है. दोनों दलों ने मेयर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था और चुनाव अधिकारी का वायरल हुआ वीडियो सबूत के तौर पर शीर्ष अदालत में पेश किया था, जिसके बाद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ चुनाव अधिकारी पर भड़क गए थे. कोर्ट में आज उन्होंने कुबूल किया कि उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था.

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सुप्रीम कोर्ट में आज पेश हुए रिटर्निंग ऑफिस अनिल मसीह से बेंच ने पूछा कि क्या उन्होंने बैलट पेपर पर क्रॉस मार्क किया था या नहीं. इस बात को रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह ने कुबूल किया कि उन्होंने ऐसा किया था क्योंकि  आम आदमी पार्टी के मेयर प्रत्याशी ने आ कर बैलेट पेपर ले कर फाड़ा और भागे थे. इसपर बेंच ने पूछा लेकिन आफ क्रॉस क्यों लगाया था, तो अनिल मसीह ने कहा कि वे पेपर पर निशान देने की कोशिश कर रहे थे.

बैलट पेपर कल सुप्रीम कोर्ट में किया जाएगा पेश

सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी माना कि  उन्होंने मार्क लगाया है। ऐसे में इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि हम डिप्टी कमिश्नर को कहेंगे नए रिटर्निंग ऑफिसर को नियुक्त करें. हम पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जरनल को कहेंगे कि इसको मॉनिटर करें.

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कोर्ट ने कहा कि हम रजिस्ट्रार जरनल हाई कोर्ट को कहेंगे कि वो इस चुनाव से जुड़े वो सभी रिकॉर्ड ले कर हमारे पास आएं. हम कल मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे. कोर्ट ने कहा कि जो बैलेट पेपर रजिस्टर जरनल के पास है वो एक जुडिशियल ऑफिसर सुबह 10.30 बजे हमारे पास ले कर आएंगे.

इससे पहले क्या-क्या हुआ?

- आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं. आम आदमी पार्टी के पार्षद नेहा मुसावट, गुरचरण काला और पूनम देवी अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं. जिसके बाद अब मेयर चुनाव का पूरा नंबर गेम बदल गया है. अब मेयर चुनाव के लिए बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत हो गया है. 

- सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया है. दरअसल शीर्ष अदालत ने पहले ही चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी. 

30 जनवरी को क्या हुआ था? 

चंडीगढ़ नगर निगम में 30 जनवरी को चुनाव हुए थे, उस समय बीजेपी के पास 14 पार्षद थे. संख्याबल के लिहाज से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी. उसके बाद आम आदमी पार्टी के 13, जबकि कांग्रेस के पास 7 विधायक थे. इसके अलावा एक पार्षद शिरोमणि अकाली दल का है. वहीं चंडीगढ़ का सांसद भी अपना वोट डालता है. AAP-कांग्रेस ने मिलकर मेयर का चुनाव लड़ा था. इस हिसाब से देखें तो मेयर AAP का बनना चाहिए था, लेकिन AAP-कांग्रेस के 8 वोटों को रद्द कर दिया गया था और 16 वोट पाने वाली बीजेपी का मेयर बन गया था.  

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इसके बाद AAP और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. मेयर चुनाव के प्रिजाइडिंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह बैलेट पेपर पर पेन चलाते हुए दिखे. इसी वीडियो को AAP और कांग्रेस ने सबूत के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था. 

SC ने रिटर्निंग ऑफिसर को लगाई थी फटकार 

30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था. इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और AAP की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का निर्देश दिया था. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को फटकार लगाई थी और कहा था, 'सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है उन्होंने (प्रिजाइडिंग ऑफिसर) ने मतपत्रों को खराब किया. उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए. यह लोकतंत्र का मजाक है. लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं'.   

18 जनवरी को होने थे चुनाव 

चंडीगढ़ में मेयर चुनाव पहले 18 जनवरी के लिए शेड्यूल थे, लेकिन अनिल मसीह कथित रूप से बीमार पड़ गए थे. इसकी वजह से चुनाव को स्थगित करना पड़ा था. बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर 30 जनवरी को चुनाव की तारीख तय हुई. चुनाव में सीसीटीवी से निगरानी भी की गई लेकिन चुनाव में कथित रूप से धांधली हो गई. आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव को रद्द करने के साथ ही मेयर का चुनाव फिर से कराने की मांग की थी. 

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