तेलगू देशम पार्टी (TDP) के मुखिया और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के कार्यक्रम में लगातार दूसरी बार बड़ा हादसा हो गया. कंदुकुर के बाद अब गुंटूर में उनके रोड शो के दौरान भगदड़ मचने से तीन लोगों की मौत हो गई है.
उन्होंने गुंटूर हादसे में जांच गंवाने वाले हर शख्स के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान कर दिया है. दोनों ही रोड में इतने बड़े हादसे होना एक बड़ी लापरवाही का नतीजा है या फिर यह एक महज इत्तेफाक है, यह तो जांच के बाद पता ही चल जाएगा लेकिन फिलहाल उन्होंने इस पर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है.
आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुंटूर में भगदड़ पर दुख जताते हुए हर मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये की मदद देने का ऐलान किया है.
जानकारी के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू की रैली जब गुंटूर के विकास नगर पहुंची तो वे यहां संक्रांति उपहार कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां करीब 30 हजार लोगों को कपड़े और जरूरी सामान की किट बांटी गई. किट वितरण के दौरान ही भगड़द मच गई, जिससे तीन लोगों की मौत हो गई. यह कार्यक्रम वुय्युरु फाउंडेशन ने आयोजित किया था.
वहीं इस हादसे के लिए टीडीपी ने सीएम जगन मोहन रेड्डी को जिम्मेदार ठहराया है. टीडीपी की राज्य इकाई के अध्यक्ष किंजरापु एतचेन नायडू ने कहा कि क्या यह राज्य सरकार का कर्तव्य नहीं है कि किट वितरण कार्यक्रम के लिए वह उचित सुरक्षा व्यवस्था करे और भीड़ का प्रबंधन करे. चंद्रबाबू नायडू सरकार ने जगन मोहन रेड्डी द्वारा की गई पद यात्रा के लिए उस समय पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की थी, जब वे विपक्ष में थे तो अब अब इस तरह के कदम क्यों नहीं उठाए जाते हैं.
हादसे से पहले चंद्रबाबू ने सीएम पर बोला हमला
किट वितरण से पहले चंद्रबाबू नायडू ने चंद्रण्णा संक्रांति कनुका के रूप में कार्यक्रम आयोजित करने पर वुय्युरु फाउंडेशन की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, "मेरा जीवन गरीबों को समर्पित है. मैं यहां उनके उत्थान के लिए हूं. सीएम जगन मोहन रेड्डी को प्रशासन के बारे में कोई जानकारी नहीं है और राज्य अब विपरीत दिशा में जा रहा है."
उन्होंने कहा कि टीडीपी ने देश भर में राजनीति की परिभाषा को पूरी तरह से बदल दिया है. इसने सभी के लिए भोजन, कपड़ा और आश्रय प्रदान किया है. स्वर्गीय एनटीआर ने गरीबों के लिए पक्के घर बनाए और उनकी प्रगति के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं.
सीएम ने क्यों बंद कर दीं अन्ना कैंटीन
- चंद्रबाबू नायडू ने कहा, फाउंडेशन पहले से ही गुंटूर और हिंदूपुर में अन्ना कैंटीन का प्रबंधन कर रहा है. संक्रांति किट रविवार को 30,000 लोगों को वितरित की जाती हैं. उन्होंने पूछा कि सीएम जगन को जवाब देना चाहिए कि अन्ना कैंटीन क्यों बंद है, जो 15 रुपये में एक दिन में तीन भोजन की आपूर्ति कर रहे थे.
- चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि संक्रांति, क्रिसमस और रमजान थोफा को टीडीपी ने ही लॉन्च किया गया. उन्होंने कहा कि अगर टीडीपी पिछले चुनावों में सत्ता में वापस आती, तो पेंशन राशि को संशोधित कर 3,000 रुपये/माह कर दिया गया होता. उन्होंने पूछा कि गरीब महिलाओं के लिए पेंशन क्यों बंद कर दी गई है?
कंदुकुर में नाले में गिरने से हो गई थीं 8 मौतें
28 दिसंबर का हादसा शाम के समय हुआ था. चंद्रबाबू नायडू कंदुकुर में एक रोड शो कर रहे थे. जब उनका काफिला गुडम सीवेज नहर को पार कर रहा था, जानकारी के मुताबिक इसी दौरान किसी वजह से भगदड़ मच गई. तभी कई कार्यकर्ता नहर में गिर गए. जिससे तीन लोगों की मौके पर ही दम घुटने से मौत हो गई थी और दो अन्य की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी. इसके आलावा बाकी की मौत बाद में हुई थी. कुल 8 लोगों की इस हादसे में जान चली गई थी. हादसे के तुरंत बाद नायडू ने अपनी सभा रद्द कर दी थीं. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. उन्होंने पार्टी नेताओं से घायलों का बेहतर इलाज सुनिश्चित करने को भी कहा था.
चंद्रबाबू नायडू 28 से 30 दिसंबर तक नेल्लोर जिले अलग-अलग इलाकों के दौरे पर थे. इस दौरान वह जिले के कंदुकुर, कवाली और कोवूर निर्वाचन क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए. उन्होंने हाल ही में कंदुकुर में मांडौस चक्रवात के कारण प्रभावित किसानों से बातचीत की थी.