Noida Twin Towers Demolition: नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर्स को आज (28 अगस्त) 2.30 बजे गिरा दिए गए. नोएडा सेक्टर 93A में अवैध रूप से निर्मित इमारत पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बनी हुई थी. भारतीय ब्लास्टर चेतन दत्ता ने एक बटन दबाकर 14 सेकंड में 32 मंजिला और 29 मंजिला ट्विन टावर्स को धूल में मिला दिया. एक टावर को ढहाने में 9 तो दूसरे को ढहाने में 5 सेकंड का वक्त लगा.
जानकारी के मुताबिक, चेतन दत्ता एडिफाइस (Edifice) कंपनी के भारतीय ब्लास्टर हैं. दोनों टावर्स को विस्फोटक से गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे चुका था. इसका अभ्यास 21 अगस्त को शुरू होना था, लेकिन अदालत ने नोएडा प्राधिकरण के अनुरोध को स्वीकार कर लिया और इसकी तारीख 28 अगस्त तक बढ़ा दी थी.
क्या है डिमॉलिशन का प्लान
चेतन दत्ता ने बताया, 'यह एक सरल प्रक्रिया होगी. हम डायनमो से करंट उत्पन्न करते हैं और फिर बटन दबाते हैं, जो सभी शॉक ट्यूबों में डेटोनेटर को एक्टिवेट करता है. 9 सेकंड में सभी डेटोनेटर एक्टिवेट हो जाते हैं और पूरी इमारत गिर जाती है.' उन्होंने आगे कहा, 'हम इमारत से लगभग 50-70 मीटर दूर हैं.
टावर गिराने की कार्रवाई यहां देखें लाइव
उठाए गए ये सुरक्षा कदम
- ब्लास्टर समेत सभी लोग इमारत से लगभग 50-70 मीटर दूर रहे, जिन्हें कोई खतरा नहीं था. ब्लास्टिंग क्षेत्र लोहे की जाली की चार परतों और कंबल की दो परतों से ढका हुआ था.
- कंपन को कम करने के लिए इम्पैक्ट कुशन डिजाइन किए गए.
- सुपरटेक टि्वन टावर के गिरने पर बगल वाले एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के लगभग 5,000 निवासी सबसे अधिक प्रभावित हुए. सभी निवासियों को सुबह जल्दी अपना घर खाली करना होगा और अधिकारियों से मंजूरी के बाद शाम को वापस लौटने की अनुमति दी गई.
- सभी निवासियों को मास्क, चश्मा पहनने और डिमालिशन के दौरान बाहर जाने से बचने के लिए कहा गया था. फेलिक्स अस्पताल में भी आपात स्थिति में करीब 50 बिस्तर आरक्षित किए गए थे.
3 महीने में साफ होगा मलबा
सुपरटेक के अवैध ट्विन टावर्स की ऊंचाई कुतुब मीनार से भी अधिक थी. यह 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे 14 सेकंड में ध्वस्त होने वाले भारत के सबसे ऊंचे ढांचे बन गए. Apex (32 मंजिला) और Ceyane (29 मंजिला) के डिमॉलिशन के बाद लगभग 80,000 टन मलबा निकलेगा. इतना मलबा साफ होने में कम से कम 3 महीने लगेंगे.