छत्तीसगढ़ में राजीव गांधी मितान योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी सांसद संतोष पांडे के तीखे बयानों के बाद यह मामला चर्चा में है. उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तुलना अजीत जोगी से की है और कहा कि बघेल "जोगी 2.0" बनने की राह पर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि बघेल एक नई पार्टी बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जैसे अजीत जोगी ने 2016 में किया था.
संतोष पांडे ने कहा, "राहुल गांधी ने नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोली थी. अब भूपेश अपनी नई दुकान राजीव गांधी मितान क्लब के नाम से खोल रहे हैं. अब वे भी अजीत जोगी के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और धीरे-धीरे जोगी 2.0 बनते जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'घिसे पिटे चले कारतूस', उन्होंने (पूर्व सीएम ने) युवाओं को सत्ता के दलदल में धकेल दिया है."
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मितान क्लब में पूर्व सीएम बघेल ने की शिरकत
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भूपेश बघेल ने रायपुर में राजीव गांधी मितान क्लब के पूर्व सदस्यों की बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक की तस्वीरें वायरल होते ही बीजेपी ने इसे हथियार बना लिया. बघेल ने बीजेपी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मितान योजना कांग्रेस द्वारा युवाओं को सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए शुरू की गई थी. पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद कर दिया, जिससे युवाओं में निराशा और गुस्सा बढ़ा.
योजना से 13 हजार से ज्यादा युवा जुड़े
इस योजना को बंद करने के बारे में बीजेपी सरकार के मंत्री टैंक राम वर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने इसका इस्तेमाल अपनी सेना के लिए किया था, जबकि इसका उद्देश्य युवाओं को लाभ पहुंचाना था. योजना के तहत 13,269 राजीव युवा मितान क्लब बनाए गए थे और इसके लिए 132.69 करोड़ रुपये का अनुदान हासिल हुआ था.
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अभियान के आयोजक प्रदीप शर्मा ने कहा कि क्लबों के बंद हो जाने से उनमें जुड़े लोग परेशान हैं और इसी कारण उन्होंने इस विषय पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी. इसमें ग्रामीण बेरोजगारी, साम्प्रदायिक सौहार्द और जलवायु मुद्दों पर भी चर्चा की गई.