छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने बड़ा दांव चला है. टीएस सिंहदेव को राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है. राज्य में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. टीएस सिंहदेव कांग्रेस के वफादार नेता और कुशल प्रशासक हैं. राज्य को उपमुख्यमंत्री के तौर पर उनकी सेवाओं से बहुत लाभ मिलेगा.
उन्होंने बताया कि उपमुख्यमंत्री के तौर पर टीएस सिंहदेव की सेवाओं से राज्य को बहुत लाभ मिलेगा. हमें यकीन है कि छत्तीसगढ़ के लोग खड़गे जी और राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस को भारी बहुमत से दोबारा जिताएंगे.
छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त होने पर टीएस सिंहदेव ने कहा कि मैं सबसे पहले इस जिम्मेदारी के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. हमें सभी को साथ लेकर आगे बढ़ना है और राज्य में चुनाव होने तक इस सीमित समय के भीतर अधूरे काम को पूरा करना है.
उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस पार्टी के लिए लगातार काम कर रहा हूं. मैं राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करूंगा. मुझे खुशी है कि इस नई जिम्मेदारी के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने मेरे बारे में सोचा. मैं कांग्रेस पार्टी के लिए लगातार काम करता रहूंगा. मैं राज्य के नए उपमुख्यमंत्री के तौर पर अपने कर्तव्यों को पूरा करता रहूंगा.
टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री बनाए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि हैं तैयार हम. महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं.
वहीं, टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने के कांग्रेस के फैसले पर कटाक्ष करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता डॉ. रमन सिंह ने कहा कि डूबने लगी कश्ती तो कप्तान ने कुछ यू किया. सौंप दी है पतवार आधी दूसरे के हाथ में. बाकी चार महीने के लिए महाराज जी को बधाई.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 में हुए चुनावों में कांग्रेस ने विधानसभा की 90 में से 68 सीटें हासिल की थी. वहीं बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई थी. जीत के बाद कांग्रेस ने भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनाया था. हालांकि चुनाव के बाद से ही कई बार भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच अनबन की खबरें आती रहीं. ऐसे में चुनाव से ऐन पहले टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव चल दिया है.
ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर नाराज थे टीएस सिंहदेव
छत्तीसगढ़ में 2018 में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में लौटी थी. लेकिन इसके बाद सीएम की कुर्सी को लेकर सिंहदेव और भूपेश बघेल के बीच जंग छिड़ गई थी. कहा जाता है कि ऐसे में ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री का फॉर्मूला तय हुआ था और भूपेश बघेल के सिर सत्ता का ताज सजा था, लेकिन ढाई साल सीएम वाला फॉर्मूला लागू नहीं हुआ. इसी को लेकर सिंहदेव नाराज चल रहे थे.
कौन हैं टीएस सिंहदेव?
त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव यानी टीएस सिंह देव का सरगुजा राजघराने से नाता है. वह इस राजघराने के 118वें राजा हैं. लोग उन्हें टीएस बाबा कहकर ही संबोधित करते हैं. उन्हें पसंद नहीं कि लोग उन्हें राजा साहेब कहकर पुकारें. सरगुजा राजघराने की गई पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी हैं.
यूपी में जन्मे, एमपी में पढ़े, छत्तीसगढ़ में राजनीति की
1952 में प्रयागराज में जन्मे टीएस देव ने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से एमए इतिहास की पढ़ाई की लेकिन छत्तीसगढ़ से राजनीति की शुरुआत की. वह 1983 में अंबिकापुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चुने गए और यहीं से उनका राजनीति सफर शुरू हुआ. हालांकि वह वर्तमान में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हैं. पिछले दिनों उन्होंने पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उन्होंने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और जीएसटी विभाग का कार्यभार नहीं छोड़ा.
अंबिकापुर से लगातार तीन बार बने विधायक
टीएस देव कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. अंबिकापुर विधानसभा सीट से तीन बार (2008, 2013, 2018) के विधायक हैं. वे छत्तीसगढ़ सरकार में नंबर दो की हैसियत रखते हैं. उन्हें 2013 में कांग्रेस ने विधायक दल का नेता बनाया था. इसके बार जनवरी 2014 को उन्हें विधानसभा में विपक्षी दल का नेता चुना गया.
कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के थे अध्यक्ष
कांग्रेस नेता 2018 के विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष थे. राजनीति में उनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि कांग्रेस के अलावा दूसरे दल के नेता भी उनका बहुत सम्मान करते हैं.
सबसे अमीर MLA, 514 करोड़ की है संपत्ति
साल 2013 में जब मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी टीएस सिंहदेव सबसे अमीर विधायक थे. शपथपत्र के मुताबिक तब उन्होंने बताया था कि उनके पास 514 करोड़ रुपये की संपत्ति है.
भतीजी ऐश्वर्या को मानते हैं लकी चार्म
टीएस अपनी भतीजी ऐश्वर्या को अपने लिए बहुत लकी मानते हैं. 31 अक्टूबर 2018 में जब वह अंबिकापुर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे थे, तब उन्होंने अपनी भतीजी के हाथों से अपना पर्चा दाखिल करवाया था. वह यह चुनाव 39,624 मतों के अंतर से जीत गए थे.