मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) की विश्वसनीयता के खिलाफ शिकायत करने वाली पार्टियों ने भी इसी मशीन का इस्तेमाल कर चुनाव जीता है. बता दें कि कई राजनीतिक दल चुनावों के बाद EVM हटाकर बैलेट पेपर के इस्तेमाल की बात कहते हैं.
ईवीएम से छेड़छाड़ किए जाने के आरोपों पर एक सवाल के जवाब में, CEC राजीव कुमार ने कहा, अगर ईवीएम बोल सकती होती तो शायद कहती, 'जिसने तेरे सर पर तोहमत राखी है, मैंने उसके भी घर की लाज राखी है.' उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन के बाद EVM का इस्तेमाल लागू हो गया है, इसलिए कानून को लागू करना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है.
EVM के खिलाफ याचिका दायर करने वालों पर लगा जुर्माना
राजीव कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सहित कई न्यायिक फैसलों ने EVM की सराहना की है. ईवीएम के इस्तेमाल के खिलाफ जनहित याचिका दायर करने वाले लोगों पर अदालतों ने जुर्माना लगाया है.
पूर्व CEC ने भी की थी टिप्पणी
बता दें दि पूर्व सीईसी सुनील अरोड़ा ने भी ईवीएम पर सवाल उठाने वाली पार्टियों की आलोचना करते हुए कहा था कि इसे राजनीतिक फुटबॉल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. राजीव कुमार ने याद किया कि चुनाव आयोग ने समाचार पत्रों में एक विज्ञापन प्रकाशित किया था जिसमें विपक्ष के विभिन्न दलों का विवरण दिया गया था जिन्होंने मशीन का उपयोग करके चुनाव जीते हैं.
VVPAT से मिलान पर 100 फीसदी रहे नतीजे
उन्होंने कहा कि 36,000 पेपरट्रेल मशीन (VVPAT) की गिनती का ईवीएम की गिनती से मिलान किया गया है और दोनों के बीच परिणाम 100 प्रतिशत रहे हैं. ईवीएम की प्रभावशीलता को साबित करने वाला एक भी बेमेल नहीं है.
पिछले कुछ सालों में ऐसा चलन देखा गया है कि चुनाव हारने के बाद राजनीतिक दल EVM मशीनों पर ठीकरा फोड़ते हैं. इसे लेकर कई दलों ने अदालतों में तक याचिका दाखिल की है.