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सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बोले- महिलाओं को न्यायपालिका में मिले 50% आरक्षण

उन्होंने कहा कि देश के सभी लॉ स्कूलों में कुछ प्रतिशत आरक्षण की मांग के समर्थन की पुरजोर सिफारिश करने की जरूरत है. यह महिलाओं का अधिकार है और वो इसे हासिल करने की हकदार हैं.

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CJI एनवी रमना ने न्यायपालिका में 50% आरक्षण की मांग की (फाइल फोटो)
CJI एनवी रमना ने न्यायपालिका में 50% आरक्षण की मांग की (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • CJI एनवी रमना ने न्यायपालिका में 50% आरक्षण की मांग की
  • CJI ने कहा कि महिलाओं को मिले उनका अधिकार

भारत के मुख्य न्यायाधीश ( CJI) एनवी रमना ने कहा कि हमें न्यायपालिका में महिलाओं के लिए 50% आरक्षण की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि देश के सभी लॉ स्कूलों में कुछ प्रतिशत आरक्षण की मांग के समर्थन की पुरजोर सिफारिश करने की जरूरत है. यह महिलाओं का अधिकार है और वो इसे हासिल करने की हकदार हैं. CJI ने ये बात सुप्रीम कोर्ट महिला वकीलों को संबोधित करते हुए कही. वे सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हुए 9 नए जजों के सम्मान में आयोजित समारोह में बोल रहे थे.

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CJI ने कहा कि दशहरा के बाद सुप्रीम कोर्ट के अदालत कक्षों में प्रत्यक्ष तौर पर सुनवाई की संभावना पर विचार किया जा रहा है. CJI रमणा ने कहा कि अदालत चिकित्सकीय सलाह का पालन कर रही है. क्योंकि कोर्ट रूम में जज तो डॉयस पर पार्टिशन के पीछे बैठते हैं, लेकिन वकील एक साथ सामने ही आसपास रहेंगे.

इसलिए हमें जजों से ज्यादा वकीलों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की चिंता है. CJI ने कहा है कि SC वकीलों के कोर्ट रूम में प्रवेश के लिए SOP को संशोधित करने पर काम कर रहा है.

 

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