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ऐतिहासिक क्षण: NDA पहुंचे तीनों सेनाओं के प्रमुख; तीनों हैं क्लासमेट्स

आर्मी चीफ एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और एयरफोर्स चीफ राकेश भदौरिया तीनों ही एनडीए के 56वें कोर्स के क्लासमेट्स हैं, यह काफी रेयर और यूनिक है. इससे पहला ऐसा संयोग 1991 में देखने को मिला था, जब एनडीए के पहले कोर्स के क्लासमेट्स तीनों सेनाओं के प्रमुख बने थे.

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आर्मी चीफ एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और एयरफोर्स चीफ राकेश भदौरिया
आर्मी चीफ एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और एयरफोर्स चीफ राकेश भदौरिया
स्टोरी हाइलाइट्स
  • खडकवासला स्थित NDA पहुंचे तीनों प्रमुख
  • एनडीए के 56वें कोर्स के क्लासमेट्स हैं तीनों

भारत की तीनों सेनाओं थल, जल और वायु सेना के प्रमुख 20-21 अगस्त को पुणे के खडकवासला स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) के दौरे पर हैं. तीनों सेना प्रमुखों की यह यात्रा नेशनल डिफेंस अकेडमी (NDA) के लिए काफी ऐतिहासिक रही, क्योंकि आर्मी चीफ एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह और एयरफोर्स चीफ राकेश भदौरिया तीनों ही एनडीए के 56वें कोर्स के क्लासमेट्स हैं, यह काफी रेयर और यूनिक है. इससे पहला ऐसा संयोग 1991 में देखने को मिला था, जब एनडीए के पहले कोर्स के क्लासमेट्स तीनों सेनाओं के प्रमुख बने थे. 

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तीन सेनाओं के अधिकारियों की ट्रेनिंग के लिए जॉइंट ट्रेनिंग अकेडमी बनाने का विचार 1945 में तत्कालीन कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल सर क्लाउड ओचिनलेक की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा दिया गया था. 1949 में यह अकेडमी अपने अंतरिम स्थान देहरादून में शुरू की गई. वहीं, खडकवासला में इस संस्थान की नींव 6 अक्टूबर 1949 में रखी गई थी. इसका उद्घाटन 16 जनवरी 1955 को किया गया. 
 
7 दशक पुराना इतिहास
सात दशकों से अधिक के अपने गौरवशाली इतिहास में, अकेडमी ने देश को पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के अलावा 13 सेनाध्यक्ष, 11 नौसेना प्रमुख और 9 वायु सेना प्रमुख दिए हैं. एडमिरल करमबीर सिंह ने नौसेना प्रमुख के तौर पर 31 मई 2019 को कार्यभार संभाला था. वहीं, एयर चीफ मार्शल राकेश भदौरिया ने 30 सितंबर 2019 को पद संभाला था. जबकि जनरल एमएम नरवणे 31 दिसंबर 2019 को आर्मी चीफ बने थे. 

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इस ऐतिहासिक अवसर पर तीनों प्रमुखों की ओर से नेवी चीफ ने आधुनिक युद्ध की उभरते ट्रेंड्स पर प्रकाश डाला. उन्होंने कैडेट्स से आधुनिक सैन्य नेतृत्व के मूल सिद्धांतों को आत्मसात करने के लिए कहा.

तीनों सेना प्रमुखों ने कैडेट्स की चल रही ट्रेनिंग और एनडीए के प्रशिक्षण और प्रशासनिक ढांचे की समीक्षा की. उन्होंने अपने दौरे के दौरान 'हट ऑफ रिमेंबरेंस' पर श्रद्धांजलि दी. यह सशस्त्र बलों में एनडीए के उन पूर्व अधिकारियों के बलिदान की याद दिलाता है, जिन्होंने कर्तव्य के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी.

 
 

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