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चीन ने लद्दाख में पैंगोंग त्सो के दक्षिण में बनाई नई सड़क, तस्वीरें आईं सामने

चीनी प्रोपेगैंडा के इतर एक नई सड़क के प्रमाण मिले हैं जो पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) स्पेंगुर त्सो के उत्तर (या पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण) में निर्माण कर रही है, और यह भारत के लिए एक बेहद चिंता का विषय है.

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पैंगोंग त्सो के दक्षिण में चीन ने बनाई नई सड़क (सांकेतिक-एपी)
पैंगोंग त्सो के दक्षिण में चीन ने बनाई नई सड़क (सांकेतिक-एपी)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन ने शुरू किया स्पेंगुर त्सो के पास सड़क का निर्माण
  • फिंगर 4 के पूर्व में पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर पहले से ही कब्जा

चीनी प्रोपेगेंडा के बीच चीन की खुराफात का नया सबूत सामने आया है. चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA)  स्पैनगुर सो (या पैंगोंग सो के दक्षिण) में नई सड़क का निर्माण कर रही है. ये भारत के लिए अहम फिक्र की बात है.  

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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की भोंपू, शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने ऐसी कुछ जमीनी तस्वीरें छापी हैं जिनमें PLA कमांडोज को रूटीन स्पैनगुर सो के दक्षिण में रूटीन फिजीकल एक्सरसाइज के तौर पर भारी गतिविधियां करते देखा जा सकता है.

शिन्हुआ की रिपोर्ट ने पूर्वी लद्दाख को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है, खास तौर पर पैंगोग सो के दक्षिणी इलाके और स्पैनगुर सो. इंडिया टुडे के OSINT डेस्क ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए ये समझने की कोशिश की कि प्रोपेगेंडा के बीच PLA गुपचुप ढंग से किन गतिविधियों में लगी है.

स्पैनगुर सो के उत्तर में नई सड़क 

PLA ने माटुंग न्यूनगत्सा पहाड़ पर स्पैनगुर सो को घेरती पहाड़ी सड़क का निर्माण शुरू किया. 5 मीटर चौड़ी ये मुख्य सड़क S301 (301 प्रोविंशियल सड़क)) पैंगोग सो के पूर्वी किनारे पर बसे रुटोक शहर से आ रही है.

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30 दिसंबर 2020 की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि सड़क अभी भी निर्माणाधीन है और इसका 200 मीटर का हिस्सा बाकी रहा है. सैटेलाइट तस्वीरों से संकेत मिलता है कि शीघ्र ही इस सड़क पर काली परत बिछाई जाएगी. ये नई सड़क चीन को पैंगोंग सो के दक्षिणी इलाके पर जब वो चाहेगा कब्जा जमाने में मदद करेगी. पैंगोंग सो के दक्षिणी किनारे की ऊंची पहाड़ियों पर, फिंगर 4 के पूर्व में, पहले से ही कब्जा हो गया लगता है.

स्पैनगुर सो के उत्तरी किनारे के जरा ऊपर स्थित लोकेशन पर PLA के नए टैन्ट्स की मौजूदगी देखी जा सकती है. पैंगोंग सो और स्पैनगुर सो के बीच रिजलाइन पर कम से कम पहाड़ी के शिखर वाली चौकी को भी देखा जा सकता है.

स्पैनगुर सो के दक्षिण में प्रोपेगेंडा एक्सरसाइज 

चीनी सोशल मीडिया पर चार बिना तारीख वाली तस्वीरें खूब शेयर की जा रही हैं. इनमें चीनी कमांडो ट्रूप्स को स्पैनगुर सो के दक्षिण में रूटीन फिटनेस ट्रेनिंग लेते देखा जा सकता है. ये तस्वीरें संभवत: अगस्त-सितंबर में ली गई और दिसंबर के पहले हफ्ते में रिलीज की गईं. बता दें कि इन तस्वीरों में जिस तरह की एक्सरसाइज देखी गई वैसी एक्सरसाइज भारतीय सेना हर सुबह फिजिकल ट्रेनिंग पीरियड के दौरान करती है.  

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अन्य रिपोर्ट दिखाती हैं कि चीनी सैनिक इन ऊंची पहाड़ियों पर एक्सोस्केलेटन्स की मदद से चढ़ाई करते हैं. हालांकि सैटेलाइट तस्वीरें, उससे कहीं ज्यादा दिखाती हैं जो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) दिखाने की मंशा रखती है.  

चीनी सैनिक अभी भी टैन्ट्स मे हैं. अभी तक ड्रोन्स की मदद से गर्म खाने की सप्लाई नोटिस नहीं देखी गई है. हालांकि 25 दिसंबर और 30 दिसंबर 2020 के बीच ली गई सैटेलाइट तस्वीरों से क्षेत्र में ताजा हिमपात का पता चलता है. बीते साल सितंबर में ग्लोबल टाइम्स के एडीटर इन चीफ ह्यू शिजिन ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें ड्रोन्स के जरिए फ्रंटलाइन चीनी सैनिकों को गर्म खाने की सप्लाई दिखाई गई थी.

द स्पैनगुर सो पूरी तरह बर्फ से जमा हुआ है, वहीं पैंगोंग सो के फिंगर 5 के पूर्व में भी यही स्थिति है. इससे पता चलता है कि चीनी PLA स्पीड बोट्स का इस्तेमाल नहीं कर पाएगी. वहीं दूसरी ओर भारत पैंगोंस सो की बोट्स के जरिए अब भी पेट्रोलिंग कर पाएगा.

(कर्नल विनायक भट (रिटायर्ड) इंडिया टुडे के लिए एक सलाहकार हैं. वे सैटेलाइट तस्वीरों के विश्लेषक हैं, उन्होंने 33 वर्षों तक भारतीय सेना में सर्विस की)

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