19 मई 2022 को एक खबर आई कि चीन ने लद्दाख के पेंगॉन्ग लेक पर तेजी से पुल बना रहा है. विदेश मंत्रालय ने इस पर स्पष्ट बयान देने के बजाय कहा कि ये मामला रक्षा मंत्रालय का है. वो ही बता पाएंगे. लोकेशन को लेकर स्पष्टता नहीं है. सैटेलाइट तस्वीरों से यह बात साफ होती है कि चीन लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक अपना कब्जा बढ़ाने के लिए कई तरह के निर्माण करवा रहा है. कहीं पर पुल तो कहीं वह गांव बना रहा है.
पिछली साल मार्च में लोकसभा में एक सवाल के जवाब में ये माना था कि चीन पिछले कुछ सालों से भारतीय सीमा के पास गांव, सड़कें, पुल आदि बना रहा है. ताकि वह अपने स्थानीय लोगों को संपर्क मुहैया करा सके. साथ ही सेना की तैनाती करने में आसानी हासिल कर सके. लेकिन उसकी मुख्य तैयारी रणनीतिक ही है. ये विकास कार्य तिब्बत और शिनजियांग ऑटोनॉमस रीजन्स में देखे गए हैं.
पहला प्रयास ये होगा कि बातचीत से मुद्दा सुलझ जाए
समझना ये है कि भारतीय सेना की क्या तैयारी है? क्या भारत की मिलिट्री चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है. पहली बात तो ये कि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि LAC को लेकर चीन से बातचीत जारी है. भारत ने अपना पक्ष रख दिया है. उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिए समाधान निकालने की जरूरत है.
भारत भी लगातार बना रहा है सीमा पर इंफ्रास्ट्रक्चर
पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलीता ने कहा कि चीन अरुणाचल प्रदेश से सटी सीमा में गांव बसाने में लगा है. लेकिन भारत भी सीमा के पास इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने में जुटा है, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी रखी जा सके. चीन 5G नेटवर्क लगा रहा है. सड़क, रेल और हवाई संपर्क बना रहा है. चीन ने अरुणाचल के पास की सीमा में दो गांवों को ऐसे विकसित कर रहा है कि युद्ध की स्थिति में उसे फायदा हो. लेकिन भारतीय सेना ऐसा होने नहीं देगी.
लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक निगरानी बढ़ा दी गई
लेफ्टि. जनरल कलीता ने कहा कि पूर्वी कमान में चीन की सीमा के आसपास निगरानी और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर और रणनीतिक क्षमताएं लगातार बढ़ रही हैं. भारतीय सेना किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए किसी भी समय पूरी तरह से तैयार है. यहां मौसम की वजह से किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने में दिक्कत आती है. देरी होती है लेकिन सेना किसी भी तरह के विरोध या संघर्ष की स्थिति में चीन को करारा जवाब देने के लिए तैयार है.
चीन की सीमा पर भारतीय सेना के छह डिविजन तैनात
चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अपनी अतिरिक्त छह डिवीजन तैनात की है. इसके लिए सैनिकों को पश्चिमी सीमा समेत दूसरे अहम मोर्चो से बुलाया गया है. इनमें लद्दाख में पाकिस्तान के मोर्चे पर तैनात जवानों से लेकर पूर्वोत्तर में आतंकवाद रोधी अभियानों में जुटे सैनिक शामिल हैं.
भारतीय सेना की है ये तैयारी, हर हमले पर पड़ेगी भारी
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने हाल ही में अपनी पहली यात्रा में चीन के साथ सीमा पर भारतीय सेना के सैनिकों की स्थिति और तैनाती का जायजा लिया था. लद्दाख सेक्टर में दो साल पहले चीनी सेना से झड़प हुई थी. इसके बाद शुरू हुई परेशानी को देखते हुए सेक्टर में काउंटर टेररिस्ट राष्ट्रीय राइफल फोर्स (एक डिवीजन के बराबर) की अतिरिक्त तैनाती के साथ 3 डिवीजन को मजबूत किया गया है. पूर्वोत्तर में भी आतंकरोधी अभियान में तैनाती में भी बदलाव किया जा रहा है. उत्तरी सीमा पर जो छह डिवीजन तैनात की गई हैं, इनमें से तीन पाकिस्तान की सीमा पर तैनात थीं.
लद्दाख सेक्टर पर खास ध्यान, निगरानी आसमान से भी!
भारतीय सेना ने उत्तरी कमान को मजबूत करने के लिए आरक्षित बलों के रूप में लद्दाख सेक्टर की देखभाल के लिए वन स्ट्राइक कोर पर दो डिवीजन भी नियुक्त किए हैं. वन स्ट्राइक कॉर्प्स पहले पूरी तरह से पाकिस्तान के मोर्चे पर केंद्रित थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से उत्तरी सीमाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है. अगर जरूरत पड़ेगी तो भारतीय सेना इसरो (ISRO) की मदद से निगरानी और टोह लेने के लिए सैटेलाइट्स का उपयोग भी कर सकती है. जिसकी गोपनीय जानकारियां सीधे रायसीना हिल्स पर रिले की जाएंगी. उसके अनुसार काम किया जाएगा. इसरो के सैटेलाइट्स की वजह से ही पिछली बार चीन डर गया था. क्योंकि उसकी हर गतिविधि पर भारतीय सैटेलाइट्स नजर रख रही थीं.
चीन सीमा पर ज्यादा बेहतर हथियार, मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर्स
ऐसी खबरें है कि चीन की सीमा के पास S-400 एयर डिफेंस सिस्टम, हैवी आर्टिलरी, निगरानी ड्रोन्स, आत्मघाती ड्रोन्स, चिनूक हेलिकॉप्टर, हमलावर अपाचे हेलिकॉप्टर और वायुसेना की मदद से राफेल और सुखोई-30MKi जैसे घातक फाइटर जेट तैयार हैं. किसी भी तरह के हमले का जवाब देने के लिए भारतीय सेना की स्ट्रैटेजिक डिविजन की शॉर्ट रेंज और मीडियम रेंज की मिसाइलें भी तैयार हैं.
आतंकरोधी अभियानों में लगी डिविजन अब सीमा पर तैनात
पूर्वी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए 17 स्ट्राइक कोर अब वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ पूर्वी क्षेत्रों के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके जिम्मे पूरे पूर्वोत्तर की देखभाल है. असम में सेना ने आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगे डिवीजन को वहां से हटाकर चीन सीमा की देखभाल करने के लिए लगा दिया है. भारतीय सेना ने चीनी सेना को एक संदेश दे दिया है कि अब यथास्थिति को बदलने के लिए कोई अन्य एकतरफा हरकत न करे, क्योंकि भारत इसके लिए पहले से कहीं अधिक तैयार है.