लद्दाख में पेंगॉन्ग लेक पर चीन के पुल निर्माण को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान आ गया है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने पुल से संबंधित रिपोर्ट देखी है. हालांकि, मंत्रालय ने पुल की लोकेशन को लेकर कुछ नहीं कहा. उन्होंने कहा कि ठीक-ठीक नहीं बताया जा सकता कि यह पुल कहां पर है. इसकी जानकारी सिर्फ रक्षा मंत्रालय ही दे सकता है.
बता दें कि हाल ही में कुछ नई सेटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ था कि चीन एक बार फिर एलएसी पर अपना दबदबा बढ़ाने का प्लान तैयार कर रहा है. पेंगॉन्ग झील पर चीन ने एक पुल पहले ही बनाया हुआ है, उसी के बगल में एक चौड़ा प्लैटफॉर्म बनाया जा रहा है, जो आगे एक पुल में तब्दील होने वाला है.
मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि LAC को लेकर चीन से बातचीत जारी है. भारत ने अपना पक्ष रख दिया है. उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिए समाधान निकालने की जरूरत है. दोनों देश संकल्प के बिना आगे नहीं बढ़ सकते. सीमा से जुड़े मुद्दे के समाधान के बिना संघर्ष को सुलझाया नहीं जा सकता है.
चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों पर क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि दूतावास ऐसे भारतीय छात्रों की सूची बना रहा है, जो चीन में पढ़ाई कर करने के बावजूद चीन नहीं जा पा रहे हैं. बागची ने कहा कि हम चीनी पक्ष पर दबाव डालेंगे की वह छात्रों को आने की अनुमति दे ताकि उन्हें कोई खामियाजा न भुगतना पड़े.
तिब्बत के नेताओं से अमेरिकी अफसर की मुलाकात
अरिंदम बागची ने अमेरिकी अंडर सेक्रेट्री उजरा जेया के तिब्बत के नेताओं के संपर्क में रहने पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जेया एक आधिकारिक यात्रा पर हैं. उन्होंने दिल्ली में अधिकारियों और नेताओं से मुलाकात की है. उन्होंने लोकतंत्र में भागीदारी को लेकर होने वाले अगले शिखर सम्मेलन पर भी चर्चा की है. उन्होंने कहा कि उनके आगे के कार्यक्रम के बारे में पता चलते ही बताया जाएगा.
जहां पहले बनाया था पुल, उसके बगल में निर्माण
सेटेलाइट तस्वीरों वाला सबूत ये बताता है कि चीन पेंगॉन्ग झील पर एक और अवैध पुल बनाने में जुटा है. इसी साल जनवरी में चीन ने पेंगॉन्ग झील पर 8 मीटर चौड़े और 315 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया था. अब ठीक इसी पुल के बगल में दूसरा पुल चीन बना रहा है.