scorecardresearch
 

चीनी विदेश मंत्री वांग यी अजित डोभाल-जयशंकर से मिले, NSA बोले- बॉर्डर पर शांति के बाद ही भरोसा होगा

चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर आए. यहां वह NSA अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले.

Advertisement
X
चीन के विदेश मंत्री भारत आए, NSA डोभाल से मिले
चीन के विदेश मंत्री भारत आए, NSA डोभाल से मिले
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत दौरे पर आए
  • वांग यी काबुल से भारत आए, अब वह नेपाल जाएंगे

चीन के विदेश मंत्री वांग यी आज शुक्रवार को दिल्ली में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजिल डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले. अजिल डोभाल से मिलकर वांग यी ने उनको चीन आने का न्योता दिया. दोनों देशों ने माना कि बॉर्डर पर शांति के लिए सेनाओं का पीछे हटना जरूरी है.

Advertisement

बॉर्डर विवाद और कश्मीर पर टिप्पणी के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी का यह दौरा काफी अहम है. पाकिस्तान में  हुए Organisation of Islamic Cooperation (OIC) समिट में चीन ने कश्मीर पर टिप्पणी की थी, जिसपर भारत ने नाराजगी जताई थी. कल दोपहर तक वांग यी के भारत दौरे पर सस्पेंस बना हुआ था, फिर शाम को वह काबुल में तालिबान से मीटिंग करके दिल्ली पहुंचे थे.

अजित डोभाल बोले- तनाव से किसी का भला नहीं

दोनों देशों ने माना कि तनाव तब ही कम हो सकता है, जब LAC पर सैनिकों की तैनाती को घटाया जाए. माना गया कि पहले सैनिकों का पीछे हटना जरूरी है. सरकारी सूत्रों के मुताबिक, मीटिंग में कहा गया कि आगे बेहतर द्वीपक्षीय संबंधों के लिए, बातचीत के लिए बाकी हिस्सों से सैनिकों का पीछे जाना और अवरोधों का हटाया जाना जरूरी है. डोभाल ने यह भी कहा कि मौजूदा हालात किसी के भी हित में नहीं हैं और शांति से ही दोनों का एक दूसरे के प्रति विश्वास जागेगा. 

Advertisement

मीटिंग में डिप्लोमेटिक और मिलिट्री लेवल पर सकारात्मक बातचीत का समर्थन किया गया, जिससे शांति को बहाल किया जा सके. जल्द से जल्द बॉर्डर विवाद को सुलझाने पर भी जोर दिया गया.

NSA संग मीटिंग के आखिर में चीनी विदेश मंत्री ने डोभाल को चीन आने का न्योता दिया. डोभाल ने न्योता स्वीकार करते हुए कहा कि जैसे ही जरूरी मुद्दे सुलझा लिये जाएंगे वैसे ही वह चीन दौरे पर पहुंचेंगे.

भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में जानकारी दी गई कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच करीब 3 घंटे मुलाकात हुई. इस दौरान दोनों देशों ने अपने द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. इसके अलावा अफगानिस्तान और यूक्रेन सहित कई अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान भी हुई. 

भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया कि भारत पिछले 2 साल से चीन के संपर्क में है. भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात सितंबर 2020 में मास्को में और सितंबर 2021 में दुशांबे में हुई थी. 

मंत्रालय की ओर से बताया गया कि चीन में भारतीय छात्रों की स्थिति को गंभीरता से लिया गया है, जिन्हें COVID प्रतिबंधों के कारण वापस जाने की अनुमति नहीं दी गई है. वहीं भारत और चीन की सीमा पर विवाद को लेकर कहा गया कि इस मुद्दे पर दोनों देशों के सीनियर सैन्य कमांडर बैठक कर रहे हैं. 15 राउंड की बातचीत हो चुकी है. 

Advertisement

वहीं यूक्रेन पर चीन के विदेश मंत्री ने वांग यी ने चीनी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया और एस जयशंकर ने भी भारतीय दृष्टिकोण प्रस्तुत किया. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की ओर से तत्काल युद्धविराम और कूटनीति की ओर लौटने के महत्व पर सहमति जताई गई. इस दौरान क्वाड पर कोई चर्चा नहीं हुई. 

 

Advertisement
Advertisement