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चीन ने LAC पर लगाए 5G टावर, ब्रिज भी बना रहा! 'ड्रैगन' की इन हरकतों से परेशान लद्दाख के लोग

भारत और चीन रविवार को 16वें दौर की बातचीत के लिए एक मेज पर आएंगे. लेकिन LAC के पास रहने वाले लोगों की समस्या ये है कि वह चीन की ओर से किए जा रहे लगातार निर्माण की वजह से टेंशन में हैं.

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भारत-चीन के बीच 17 जुलाई को 16वें दौर की बातचीत होनी है
भारत-चीन के बीच 17 जुलाई को 16वें दौर की बातचीत होनी है
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भारत-चीन के बीच 16वें दौर की बातचीत कल
  • चीन लगातार LAC पर तेजी से निर्माण कर रहा

लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत और चाइना की सेनाओं के बीच 16वें दौर की बातचीत रविवार (कल) को होगी. अब तक 15 बार दोनों देश बातचीत की टेबल पर आ चुके हैं, लेकिन समझौते पर नहीं पहुंच सके हैं. जानकारी के मुताबिक रविवार (17 जुलाई) को होने वाली बातचीत भारतीय क्षेत्र में होगी.

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दरअसल, भारत लगातार शांति और स्थिरता पर जोर दे रहा है. इसके साथ ही भारत का कहना है कि टकराव वाले स्थानों से सैनिकों की वापसी की जाए. वहीं नियंत्रण रेखा से सटे लद्दाख क्षेत्र में रहने वाले लोग भी चीन की चाल से परेशान हो गए हैं. उनकी मुश्किलों को समझने के लिए आजतक ने चुशूल के काउंसलर Konchok Stanzin से बातचीत की. 

हमारे पास 2G नेटवर्क नहीं, चीन ने लगाए कई टॉवर

बातचीत के दौरान काउंसलर Konchok Stanzin ने बताया कि लद्दाख के बारे में जैसा मीडिया में दिखाया जाता है, यहां के हालात इससे एकदम इतर हैं. जमीनी हकीकत एकदम अलग हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर भी बेहतर स्थिति में नहीं है. स्टैंजिन ने कहा कि अगर हम कम्युनिकेशन की बात करें तो 12 गांव में से 10 गांव में 4G नेटवर्क नहीं है. कुछ गांव में तो 2G नेटवर्क तक नहीं है, लेकिन चीन ने यहीं पर 5G टावर लगा दिए हैं. उनका कम्युनिकेशन सिस्टम बहुत बेहतर है. 

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ब्रिज बनने से बढ़ जाएगी चीन की एक्सेस

स्टैंजिन कहते हैं कि चीन ने अपनी साइड में पैंगोंग लेक पर 2 पुल बनाए हैं. इससे चीन की सेना की एक्सेस काफी बढ़ जाएगी.उन्हें आने जाने में आसानी होगी. ब्रिज बनने से चीन को आर्टिलरी एक्सेस में भी आसानी हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पैंगोंग में चंगला लाइफलाइन है, यहां अगर हम टनल बना लेते हैं, तो यह भारत के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा.

चीन के निर्माण भविष्य में मुसीबत न बन जाएं!

LAC से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों को इस बात का भी डर सता रहा है कि जिस गति से चीन की ओर से टनल, ब्रिज और सड़कें बनाई जा रही हैं, कहीं यह उनके लिए भविष्य में मुसीबत पैदा न कर दे. इतना ही नहीं, चीन की ओर से किए जा रहे निर्माण को लेकर भी उसकी मंशा साफ नजर आ रही है. 

भारत ने दी थी चीन को चेतावनी

दरअसल, 15 दौर की वार्ता बेनतीजा निकलने के बाद भारत की ओर से चीन को चेतावनी दी गई है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के प्रबंधन के लिए हुए समझौतों का ईमानदारी से पालन किया जाए. हाल ही में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत और चीन के बीच 1993 और 1996 में हुए उचित समझौतों का ईमानदारी से अनुपालन किया जाए. लद्दाख में भारत और चीन के बीच पिछले दो साल से गतिरोध चल रहा है.

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