कोरोनावायरस का दुख अभी कम भी नहीं हुआ था कि चीन में अब एक नए वायरस की पहचान की गई है. भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत काम करने वाला नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) इस पर नजर बनाए हुआ है. कोरोना की ही तरह यह भी एक मौसमी वायरस माना जा रहा है, जिसे HMPV या (Human Metapneumovirus) नाम दिया गया है. एनसीडीसी ने कहा, "हम हालात पर बराबर नजर बनाए हुए हैं, जानकारी जुटाई जाएगी और उसके हिसाब से आगे का अपडेट दिया जाएगा."
सूत्रों का कहना है कि दिसंबर 16-22 के आंकड़ों में देखा गया कि सांस संबंधी वायरस जैसे कि मौसमी इन्फ्लुएंजा, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) और HMPV के मामलों में हाल ही में बढ़ोतरी देखी गई है. हालांकि, इस साल चीन में सांस संबंधी बीमारियों के उपाय और इसके लेवल पिछले साल की तुलना में कम हैं. मसलन, आने वाले समय में चीन और इसके आसपास के देशों में सर्दियों के दौरान सांस संबंधी समस्याएं बढ़ेंगी.
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एचएमपीवी की पहचान के लिए कदम उठाने की जरूरत!
डांग्स लैब के सीईओ डॉक्टर अर्जुन डांग ने कहा कि चीन में एचएमपीवी की पहचान किए जाने के बाद जरूरी है कि देश में इसके प्रकोप और इसकी तुरंत पहचान करने के लिए एक सिस्टम बनाई जाए. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि HMPV एक ऐसा वायरस है जिसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती लेकिन मौसम बदलने पर वैश्विक स्तर पर इससे पीड़ित सांस संबंधी मरीजों में बढ़ोतरी देखी जाती है.
बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को सावधान रहने की जरूरत
डॉक्टर डांग ने बताया कि उनके लैब में फ्लू सीजन के दौरान HMPV के मामले देखे गए हैं, खासतौर पर उन लोगों में जो ज्यादा संवेदनशील हैं जैसे कि इसकी समस्या छोटे बच्चे, बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा देखी जाती है.
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पीसीआर से किया जा सकता है एचएमपीवी का इलाज
डॉक्टर डांग ने बताया कि HMPV के लक्षण अन्य सांस संबंधी वायरस के समान होते हैं और अगर इसके प्रकोप को जल्दी नियंत्रित नहीं किया गया तो यह हेल्थ सिस्टम पर बड़ा बोझ डाल सकता है. उन्होंने कहा कि 'पोलिमरेस चेन रिएक्शन (PCR)' टेस्ट से HMPV से इसका इलाज किया जा सकता है.