लद्दाख सीमा पर तनाव के बीच चीनी कंपनी द्वारा भारत की बड़ी हस्तियों की जासूसी के मामले ने हर किसी को हैरान कर दिया है. सोमवार को खुलासा हुआ था कि चीन की नजर देश के प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेताओं, खिलाड़ियों, वकील और बिजनेसमैन पर हैं. अब इसी कड़ी में एक और लिस्ट सामने आई है, जिसमें चीन की कंपनी भारत में स्टार्ट अप करने वाली कंपनियों से लेकर अजीम प्रेमजी जैसे बड़े उद्योगपतियों पर भी नज़र जमाए हुए है.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की झेनझुआ डाटा कंपनी के ओवरसीज़ डाटाबेस में भारत के करीब 1400 ऐसे लोगों का डाटाबेस है, जो एक इंटर्न से लेकर बड़ी कंपनी का मालिक तक है. इस नई लिस्ट में मुख्य रूप से स्टार्ट अप, इन्वेस्टर्स, बैंकर्स, फाउंडर्स, बड़ी कंपनियों की सीईओ शामिल हैं.
चीनी कंपनी के बारे में सोमवार को खुलासा हुआ था, उसके बाद अब स्टार्टअप की दुनिया में जासूसी की बात सामने आई है. वो भी तब जब चीनी कंपनियों के द्वारा ही भारत की कई स्टार्टअप कंपनियों में बड़ा निवेश किया जा चुका है. चीनी कंपनी के द्वारा जिन कंपनियों पर नजर रखी जा रही है उनमें प्रेमजी इन्वेस्ट के CIO, महिंद्रा ग्रुप, रिलायंस ब्रांड के CTO, रिलायंस रिटेल के चीफ एक्सक्यूटिव, मॉर्गेन स्टेनली, फिल्पकार्ट, जोमाटो, स्विगी, उबर इंडिया, पे यू जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं. इतना ही नहीं, ऐसे प्रोफेसर और साइंटिस्ट जो इस फील्ड में काम कर रहे हैं, उनकी भी चीनी कंपनी जासूसी कर रही है.
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि पिछले कुछ वक्त में जिन कंपनियों ने भारत में बड़े लिहाज से बढ़त हासिल की है, उनके प्रमुख लोगों पर नजर रखी जा रही है और उनका डाटा तैयार किया जा रहा है. ताकि कंपनी के फ्यूचर प्लान, उनकी हर तरह की रणनीति को समझा जा सके. मुख्य रूप से नोटबंदी के बाद जिस तरह भारत में डिजिटल एप्स का विस्तार हुआ है, उसके बाद ये जासूसी और भी बढ़ गई.
इनके अलावा झेनझुआ डाटा कंपनी ने जिनका डाटा इकट्ठा किया है, उनमें...
ओला, स्नैपडील, मिंतरा, अर्बन लैडर, रेजर पे, स्पोर्टसकीड़ा, रेड बस, आर्युवेद एक्सपीरियंस, शॉप किराना, यूलू, कई डिजिटल हेल्थ कंपनियां, बेजुस समेत कुछ ऐसे स्टार्टअप जो शिक्षा में निवेश करते हैं. इसके अलावा रैपिडो, जोमाटो, स्वीगी, फूड पांडा, डेली बाजार, बिग बास्केट जैसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों पर भी चीन अपनी पैनी निगाहें रखे हुए है.
आपको बता दें कि इससे पहले अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि चीनी कंपनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कई पूर्व प्रधानमंत्री, वर्तमान और पूर्व करीब चालीस मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, अधिकारी समेत कुल 1500 राजनेताओं का डाटा बेस तैयार किया हुआ है.
चीनी कंपनी ने इसके तहत सभी लोगों के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, डिजिटल प्लेटफॉर्म, कामकाजी हरकत, पारिवारिक और सामाजिक डाटा अपने पास रखा हुआ है. रिपोर्ट का दावा है कि चीनी कंपनी ने करीब दस हजार भारतीयों की जासूसी की है.