scorecardresearch
 

अरुणाचल प्रदेश: चीन LAC पर मजबूत कर रहा इंफ्रास्ट्रक्चर, बसाए गांव, भारतीय सेना भी तैयार

नवंबर, 2021 में आई अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में LAC पर गांव बना लिया है.

Advertisement
X
फाइल फोटो
फाइल फोटो
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अरुणाचल प्रदेश में चीन की हरकतें
  • चीन ने LAC पर बसाए गांव

चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा के पास अपनी ताकत बढ़ा रही है. भारतीय सेना के इस्टर्न कमांड के ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिता ने यह जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि सीमा पर किसी भी स्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना भी अपनी क्षमता बढ़ा रही है.

Advertisement

चीनी सेना ने LAC पर बसाए गांव

लेफ्टिनेंट जनरल के मुताबिक, चीनी सेना ने LAC के पास गांव बसाए हैं. इनका दोहरा उपयोग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल कालिता ने बताया कि तिब्बत रीजन में LAC के पास चीन बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट कर रहा है. चीन अपनी सीमा के पास सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है. इससे पीएलए की क्षमता बढ़ेगी. हम भी स्थिति का सामना करने के लिए अपनी क्षमता और मैकेनिज्म का विकास कर रहे हैं. इससे हम मजबूत स्थिति में होंगे.

पेंटागन की रिपोर्ट में दावा

इससे पहले नवंबर, 2021 में आई एक अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश में LAC पर गांव बना लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये गांव अरुणाचल के सुबनसिरि जिले में बसाया गया था. इतना ही नहीं इस गांव में चीन ने सेना की चौकी भी बना रखी है.

Advertisement

1959 में कब्जाए इलाके में बसाया था गांव 

सू्त्रों ने बताया था कि चीन ने ये गांव उस इलाके में बसाया, जो 1959 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने असम राइफल पोस्ट की कब्जा कर हथिया लिया था. अरुणाचल प्रदेश में इसे लोंगजु घटना के नाम से जाना जाता है. चीन अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों पर अपना दावा करता है और भारत जब वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाता है तो उसका विरोध करता है. लेकिन चीन खुद वहां इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर रहा है. 

भारतीय सेना ने तैनात की 6 डिवीजन 

अभी हाल ही में भारतीय सेना ने चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)  पर अपनी अतिरिक्त छह डिवीजन तैनात की है. इसके लिए सैनिकों को दूसरे अहम मोर्चो से बुलाया गया है. इनमें लद्दाख में पाकिस्तान के मोर्चे पर तैनात जवानों से लेकर पूर्वोत्तर में आतंकवाद रोधी अभियानों में जुटे सैनिक शामिल हैं. 
 

 

TOPICS:
Advertisement
Advertisement