भारत और चीन के बीच टेंशन चरम पर है. नौबत यहां तक आ गई है कि पूर्वी लद्दाख में LAC पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच गोलीबारी की घटना हुई है. हालांकि इस वक्त यहां स्थिति नियंत्रण में है. चीन और भारत के सैनिकों के बीच इस तरह की फायरिंग 45 साल पहले 1975 में हुई थी. तब भी चीन ने भारत को चकमा देने के लिए अपने सबसे पुराने और विश्वस्त हथियार 'धोखेबाजी' को ही चुना था.
चीनी हमले में शहीद हुए थे 4 जवान
1975 में चीनी सैनिकों ने घात लगाकर अरुणाचल प्रदेश के तुलंग ला में असम राइफल्स के जवानों पर फायरिंग की थी. इस घटना में भारत के 4 जवान शहीद हो गए थे.
चीन में भारत की राजदूत रह चुकीं निरुपमा राव ने अंग्रेजी वेबसाइट द हिन्दू को बताया है कि चीनी चालबाजी को याद करते हुए हमें 1967 याद आता है, और इसे ही हम दोनों देशों के बीच फायरिंग की आखिरी घटना मानते हैं. लेकिन ये तथ्यात्मक रूप से गलत है. 1975 में चीनी सेना ने धोखे से घात लगाकर हमारे जवानों पर हमला किया, इसमें हमारे 4 जवान शहीद हो गए.
20 अक्टूबर 1975 को चीन की धोखेबाजी
भारत का कहना है कि 20 अक्टूबर 1975 को चीनी सैनिक घुसपैठ कर दक्षिण तुलुंग ला में भारतीय सीमा में आ गए थे, यहां से उन्होंने असम राइफल्स के जवानों पर घात लगाकर हमला किया. चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों पर गोलियां चलाईं.
इस बाबत एक भारतीय अधिकारी ने तब द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया था कि चीन ने घात लगाकर ये हमला भारतीय सीमा में घुसकर किया था. इस इलाके में भारतीय सेना कई सालों से पैट्रोलिंग करती थी.
इस घटना पर भारतीय सेना ने चीन के सामने कड़ी प्रतक्रिया जताई थी. चीन ने इस घटना को लेकर पहले तो इनकार किया लेकिन 3 नवंबर 1975 को चीन ने इस घटना को स्वीकार किया लेकिन फ्रांस के अखबार La Monde के मुताबिक चीन ने बड़ी बेशर्मी से इस घटना की जिम्मेदारी भारत पर डाल दी. चीन ने कहा कि उसके सैनिकों ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई थीं.
अमेरिका ने भी की थी पुष्टि
वीकीलिक्स द्वारा जारी किए गए अमेरिका के एक सरकारी केबल से भी इस घटना में भारत के स्टैंड की पुष्टि होती है. इस केबल के मुताबिक चीन द्वारा घात लगाकर किया गया ये हमला तुलुंग ला के दक्षिण में 500 मीटर की दूरी पर था. ये इलाका LAC पर भारतीय सीमा में स्थित था. इस केबल में भारतीय सेना के एक अधिकारी से अमेरिका ने कहा था कि चीन ने अपनी सेना की एक कंपनी को भारतीय सीमा में भेज दिया था. यहां पर चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में अपने पत्थर गाड़ दिए थे और इसे अपना क्षेत्र बताने की कोशिश की. यहीं से चीनी सैनिकों ने पैट्रोलिंग करने आए भारतीय सैनिकों पर हमला किया था.