
एनएसई (NSE) की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्णा (Chitra Ramkrishna) के ठिकानों पर आयकर विभाग ने आज गुरुवार को छापेमारी की है. उनपर NSE से जुड़ी सीक्रेट जानकारियां अज्ञात लोगों से शेयर करने का आरोप है, जिससे उनको अवैध आर्थिक लाभ हुआ था.
पिछले दिनों SEBI ने उनपर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. यह जुर्माना मुख्य रणनीतिक अधिकारी के रूप में आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति में पाई गई अनियमितताओं की वजह से लगाया गया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चित्रा रामकृष्णा ने कहा था कि उसने ऐसा एक 'योगी' के कहने पर किया था, जो कि हिमालय में रहता है. जानकारी के मुताबिक, ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर/चीफ स्ट्रेटर्जी ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के यहां भी छापेमारी हुई है.
बता दें कि एनएसई (NSE) भारत का सबसे बड़ा शेयर बाजार (Share Market) है, जिसमें रोजाना 49 करोड़ ट्रांजेक्शन होते हैं. एनएसई का एक दिन का टर्नओवर 64 हजार करोड़ रुपये है. हर रोज बड़ी संख्या में इन्वेस्टर्स (Investors) इस मार्केट पर ट्रेड करते हैं.
क्या है मामला
इतना बड़ा शेयर बाजार कई साल तक एक अज्ञात योगी के इशारे पर चल रहा था, यह सच जानकर सब चौंक गए थे. इस पूरे खेल में तीन मुख्य किरदार थे. पहली और सबसे अहम पात्र एनएसई की पूर्व सीईओ चित्रा रामकृष्णा (Chitra Ramkrishna) हैं. दूसरा पात्र अपनी शर्तों पर नौकरी का आनंद उठाने वाला आनंद सुब्रमण्यम (Anand Subramanian) है. तीसरा पात्र अदृश्य और अज्ञात योगी है, जो कथित तौर पर हिमालय में विचरण करता है और चित्रा के हिसाब से सिद्ध पुरुष है. चित्रा 2013 से 2016 के दौरान एनएसई की सीईओ रही और इस दौरान शेयर बाजार के सारे बड़े-छोटे फैसले अज्ञात योगी के इशारे पर होते रहे.
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कई लोग मानते हैं कि सुब्रमण्यम ही अज्ञात योगी है और इस तरह से वह अपने मनमाफिक तरीके से चित्रा को कंट्रोल कर रहा था. एनएसई ने भी सेबी को सौंपी दलील में यह तर्क दिया है और मानवीय व्यवहारों के एक्सपर्ट की राय का हवाला दिया है. हालांकि सेबी ने इस आरोप को सही नहीं माना.
चित्रा रामकृष्णा पर क्या हैं आरोप
2013 में एनएसई की तत्कालीन सीईओ एंड एमडी चित्रा रामकृष्णा ने आनंद सुब्रमण्यम को चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (COO) के पद पर हायर किया. एनएसई में पहले से ऐसा कोई पद नहीं था. आनंद सुब्रमण्यम एनएसई में आने से पहले सरकारी कंपनी Balmer Lawrie में काम कर रहा था और उसकी सैलरी 15 लाख रुपये थी. एनएसई में उसे 9 गुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया. इसके बाद उसे लगातार प्रमोशन मिला और वह ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर बन गया. चित्रा ने आनंद को 5 दिन ऑफिस आने से भी छूट दी थी. उसे महज 3 दिन ऑफिस आना पड़ता था. चित्रा ने ये सारे फैसले अज्ञात योगी के कहने पर लिए थे, जिससे वह ईमेल के जरिए संपर्क करती थी.
अज्ञात योगी को मेल भी भेजती थीं चित्रा
खबरों के मुताबिक, चित्रा ने सेबी को योगी के बारे में बताया कि उनका कोई शरीर नहीं है और वह अपनी इच्छा से कोई भी रूप धारण कर सकते हैं. वह एक रूहानी ताकत हैं, जो हिमालय में विचरण करते हैं. चित्रा rigyajursama@outlook.com पर ईमेल भेजकर बातचीत करती थी. वह यहां तक कि एनएसई की संवेदनशील और गोपनीय जानकारियां भी इस ईमेल पर भेजती थी. चित्रा ने अज्ञात योगी को जो जानकारियां दी, उनमें अगले 5 साल का फाइनेंशियल प्रोजेक्शन, डिविडेंड पे-आउट रेशियो, बिजनेस प्लान, एनएसई की बोर्ड मीटिंग का एजेंडा, एनएसई के कर्मचारियों के काम के रिव्यूज और अप्रेजल आदि भी शामिल हैं.
योगी ने ही चित्रा को कहा था कि आनंद को नौकरी पर रखे और उसके ही कहने पर इतनी भारी-भरकम सैलरी दी गई. यहां तक कि योगी के एक ईमेल में आनंद को लेकर कहा गया है कि अगर धरती पर इंसान के रूप में पैदा होने का मौका मिलता तो इसके लिए आनंद का शरीर सबसे बेहतर होता.