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Chitra Ramkrishna केस में आया स्टॉक ब्रोकर कनेक्शन, पूर्व NSE चेयरमैन Ravi Narain से CBI ने की पूछताछ

Chitra Ramkrishna Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक ब्रोकर द्वारा ‘कोलोकेशन’ सुविधा के कथित दुरुपयोग मामले की जांच कर रही है.

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चित्रा रामकृष्ण (File Pic)
चित्रा रामकृष्ण (File Pic)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1994 से मार्च 2013 तक NSE के एमडी थे नायारण
  • सीबीआई इस मामले में पहले ही चित्रा से पूछताछ कर चुकी है

NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रविवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के एक ब्रोकर द्वारा ‘कोलोकेशन’ सुविधा के कथित दुरुपयोग की पहले से चल रही जांच के सिलसिले में एनएसई के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रवि नारायण से पूछताछ की है. इस मामले में दिल्ली के एक स्टॉक ब्रोकर का भी कनेक्शन सामने आया है. 

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सीबीआई अधिकारियों ने कहा, नारायण सीबीआई जांचकर्ताओं के समक्ष दिल्ली में पेश हुए और उन्हें दोबारा भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है. इससे पहले शुक्रवार को सीबीआई ने एनएसई की पूर्व एमडी-सीईओ चित्रा रामकृष्ण से भी पूछताछ की थी.

इतना ही नहीं नारायण, रामकृष्ण और पूर्व सीओओ आनंद सुब्रमण्यम भारत छोड़कर न जा सकें इसके लिए एजेंसी ने उन्हें लुकआउट सर्कुलर जारी किया है.

इनके खिलाफ भी मामला हुआ दर्ज

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने कथित तौर पर शेयर बाजार कारोबार प्रणाली तक जल्दी पहुंच प्राप्त करने को लेकर 2018 में दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और प्रमोटर, स्टॉक ब्रोकर संजय गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया था.

1994 से मार्च 2013 तक NSE के एमडी थे नारायण

एजेंसी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), मुंबई के अज्ञात अधिकारियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों की भी जांच कर रही थी. नारायण अप्रैल 1994 से मार्च 2013 तक एनएसई के एमडी एवं सीईओ रहे थे. इसके बाद, उन्हें एनएसई के बोर्ड में गैर-कार्यकारी श्रेणी में उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था. वह इस पद पर अप्रैल 2013 से जून 2017 तक इस पद पर रहे थे.

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सीबीआई पहले ही कर चुकी है चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ

इस मामले में सीबीआई के अधिकारी पहले ही चित्रा रामकृष्ण से पूछताछ कर चुके हैं. रामकृष्ण से यह पूछताछ उनसे मई 2018 में दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की जा रही है. इस FIR में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों पर आरोप था कि उन्होंने कुछ ब्रोकर्स को अनुचित लाभ पहुंचाया था जिसके चलते नेशनल स्टॉक एक्सचेंज समेत आम निवेशकों को भी भारी नुकसान हुआ था.

बाबा के प्रभाव में आकर चित्रा ने की आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति

हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक आदेश जारी किया था. इस आदेश में सेबी ने कहा था कि चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishna) ने हिमालय में रहने वाले किसी बाबा के प्रभाव में आकर आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया.

यह भी आरोप है कि आनंद सुब्रमण्यम को इस काम का किसी तरह का अनुभव नहीं था. सेबी ने इस मामले में इस नियुक्ति को नियमों के उल्लंघन का आरोप बताया है. इसके लिए सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व सीईओ रवि नारायण और आनंद सुब्रमण्यम पर जुर्माना भी लगाया था.
 

 

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