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राजस्थानः सीमावर्ती जिलों की गोपनीय सूचना पाकिस्तान को देने का आरोपी गिरफ्तार

गिरफ्तारी पर राजस्थान के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार युवक की पिछले कई सालों से जासूसी गतिविधियों में सक्रिय होने के इनपुट मिल्ट्री इंटेलीजेंस से एटीएस राजस्थान को मिलने पर खुफिया तौर से निगरानी रखी जा रही थी.

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गिरफ्तार मुश्ताक अली
गिरफ्तार मुश्ताक अली
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लंबे समय से आरोपी पर रखी जा रही थी नजर
  • गिरफ्तारी से पहले कई बार उससे हुई थी पूछताछ
  • इसी महीने मुश्ताक का पिता बाडमेर में भी हुआ गिरफ्तार

राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में जासूसी करने के आरोप में एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस के अनुसार राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक महत्व की सूचना भेजने में संलिप्त संदिग्ध आरोपी मुश्ताक अली को गिरफ्तार कर लिया गया है.

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राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा के निर्देशानुसार पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी को राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक महत्व की सूचना भेजने में शामिल संदिग्ध 40 साल का मुश्ताक अली जो बाडमेर के पुलिस थाना सेडवा के बामरला डेर भवार गांव का रहने वाला है, को सीआईडी की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया.

पिता भी इसी महीने हुआ गिरफ्तार
इससे पहले आरोपी मुश्ताक अली के पिता खंडू खान को 9 अगस्त को बाडमेर के पुलिस थाना कोतवाली द्वारा (मुकदमा नंबर 275/20 अन्तर्गत) धारा 489 क, ख, ग भारतीय दंड संहिता, भारतीय जाली मुद्रा और 8/21 एनडीपीएस एक्ट मादक पदार्थ में गिरफ्तार किया गया था.

राजस्थान पुलिस की सीआईडी ब्रांच की स्पेशल पुलिस स्टेशन टीम ने धारा 3, 3/9 शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मुकदमा दर्ज करके गिरफ्तार किया है.

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अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस (इंटेलीजेंस) उमेश मिश्रा ने बताया कि गिरफ्तार युवक की पिछले कई सालों से जासूसी गतिविधियों में सक्रिय होने के इनपुट मिल्ट्री इंटेलीजेंस से एटीएस राजस्थान को मिलने पर खुफिया तौर से निगरानी रखी जा रही थी.

मुश्ताक से हो रही थी पूछताछ
मुश्ताक अली से पिछले दिनों एटीएस टीम द्वारा बाडमेर जाकर पूछताछ भी की गई. साथ ही अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा भी तलब कर पूछताछ की गई थी.

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पूछताछ में जासूसी संबंधी गतिविधियों में लिप्त होने की पुष्टि होने पर संयुक्त पूछताछ के लिए संदिग्ध को 27 अगस्त को जयपुर लाया गया. जयपुर से भी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा गहन पूछताछ के बाद पाया गया कि मुश्ताक अली शातिर तरीके से पाक हैंडलिंग ऑफिसर के इशारे पर गोपनीय सूचनाएं अपने मोबाइल फोन के द्वारा व्हाट्सऐप, फेसबुक औरमैसेंजर का उपयोग कर भेजता था.

सीमावर्ती क्षेत्र में भारतीय सेना की गतिविधियों की सूचना उपलब्ध कराने के बदले में पाक हैंडलिंग अधिकारियों द्वारा मुश्ताक अली को पैसा मिलता था.

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