सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लगभग 150 जवानों को तैनात किया जा रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी है. सर्वोच्च अदालत के आदेश के एक दिन बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सरकारी अस्पताल में सीआईएसएफ के जवानों की तैनाती के संबंध में निर्देश दिए हैं.
अस्पताल पहुंची सीआईएसएफ की टीम
इससे पहले सुबह में, एक डीआइजी-रैंक अधिकारी के नेतृत्व में सीआईएसएफ की एक टीम ने अस्पताल परिसर का दौरा किया, जहां इस महीने की शुरुआत में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की घटना सामने आई थी. सूत्रों ने बताया कि जवान रेजिडेंट डॉक्टरों के हॉस्टल और अन्य सुविधाओं की सुरक्षा में तैनात किए जा सकते हैं.
ट्रेनी डॉक्टर का शव 9 अगस्त की सुबह अस्पताल के सेमिनार रूप में पाया गया था. घटना का मुख्य आरोपी एक सिविक वॉलंटियर था, जो अस्पताल परिसर में अक्सर आने वाला एक बाहरी व्यक्ति था. उसे घटना के अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया था.
10 सदस्यीय टास्क फोर्स गठन करने का निर्देश
इस घटना के बाद से देशभर में स्वास्थ्यकर्मी और आम लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जिससे कई जगहों पर स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं. सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टर स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा के लिए एक केंद्रीय कानून की मांग के साथ विभिन्न बैनरों के तहत हड़ताल पर हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को डॉक्टरों की सुरक्षा और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए एक नेशनल प्रोटोकॉल तैयार करने के लिए 10 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन करने का निर्देश दिया. टास्क फोर्स तीन हफ्ते के भीतर अपनी अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर अंतिम रिपोर्ट सौंपेगी. शीर्ष अदालत ने डॉक्टरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए आरजी कर अस्पताल में सीआईएसएफ की तैनाती का भी आदेश दिया है.