नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा, सरकार को एयरपोर्ट और एयरलाइन नहीं चलाने चाहिए. इसके अलावा उन्होंने एयर इंडिया के 2020 में निजीकरण होने की संभावना जताई. हरदीप सिंह पुरी की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब केरल सरकार तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट की लीज अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड को देने का विरोध कर रही है. सरकार ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत इस एयरपोर्ट को अडानी एंटरप्राइजेज को 50 साल के लिए लीज पर देने की मंजूरी दी है.
नमो ऐप पर वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए पुरी ने कहा, 'मैं आपको दिल से कह सकता हूं कि सरकार को एयरपोर्ट नहीं चलाने चाहिए और सरकार को एयरलाइन्स भी नहीं चलानी चाहिए. ये बिडर्स के लिए काफी आकर्षक है, हमें एयर इंडिया को भी प्राइवेटाइज करना चाहिए और मझे उम्मीद है कि हम इस प्रोसेस को इस साल पूरा कर लेंगे.'
पुरी ने आगे कहा, 'अगर सरकार एयरपोर्ट या एयरलाइन चलाती है तो उसे सरकारी कानून मानने होंगे और इसका व्यावसायिक संस्थाओं पर कोई दबाव नहीं होता है.'
अडानी समूह का एयरपोर्ट संचानन में दबदबा
केरल के अलावा अडानी समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (MIAL) में 74 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की तैयारी कर रही है. इस सौदे के साथ अडानी निजी क्षेत्र की भारत की दूसरी सबसे बड़ी एयरपोर्ट ऑपरेटर हो जाएगी.
अडानी समूह को को पहले ही देश में पीपीपी मॉडल के तहत छह एयरपोर्ट का अधिकार मिला है. अडानी समूह मुंबई एयरपोर्ट (MIAL) में जीवीके समूह की 50.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. इसके अलावा वह इस एयरपोर्ट के अन्य हिस्सेदारों एयरपोर्ट्स कंपनी साउथ अफ्रीका (ACSA) और बिडवेस्ट ग्रुप से भी उनकी क्रमश: 10 फीसदी और 13.5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी.
आत्मनिर्भर अभियान के तहत सरकार ने जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के जरिए 50 साल के लिए लीज पर देने का फैसला किया है. अडानी समूह को देश में पीपीपी मॉडल के तहत छह एयरपोर्ट के संचालन, रखरखाव और विकास का अधिकार मिला है. इनमें अहमदाबाद, लखनऊ , मंगलौर, जयपुर, तिरुअनंतपुरम और गुवाहाटी शामिल हैं.
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