समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर जारी बहस के बीच चीफ जस्टिस (CJI) एस ए बोबडे ने एक अहम बयान दिया. चीफ जस्टिस ने गोवा के यूनिफॉर्म सिविल कोड की तारीफ करते हुए कहा कि शिक्षाविदों को यहां आकर देखना चाहिए कि यह कैसे काम करता है.
दरअसल, शनिवार को CJI एस ए बोबडे गोवा में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. यहां उन्होंने कहा कि शिक्षाविदों को गोवा आकर देखना चाहिए कि यूनिफॉर्म सिविल कोड यहां के लोगों को, अलग-अलग धर्मों के बावजूद, शादी व उत्तराधिकार के मुद्दों पर कैसे नियंत्रित करता है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि एक समान नागरिक संहिता गोवा में भारत के लिए संवैधानिक ढांचे की परिकल्पना है, और मुझे उस कोड के तहत न्याय दिलाने का बहुत बड़ा सौभाग्य मिला है. यह शादी और उत्तराधिकार के मामलों में लागू होता है.
एस ए बोबडे ने आगे कहा कि मैंने यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में बहुत सारी अकादमिक बातें सुनी हैं. मैं उन सभी बुद्धिजीवियों-शिक्षाविदों से अनुरोध करूंगा कि वे यहां आएं और देखें कि यह न्याय प्रणाली क्या है.
आपको बता दें कि जस्टिस बोबड़े 23 अप्रैल को रिटायर होंगे. सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमणा देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे. मौजूदा चीफ जस्टिस एस ए बोबडे ने कानून मंत्रालय को अपने उत्तराधिकारी के नाम की जानकारी दे दी है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एनवी रमणा अभी सबसे वरिष्ठ जज हैं. अब तक जो परंपरा रही है, उसके मुताबिक जस्टिस रमणा को ही देश के अगले सीजेआई का पद ग्रहण करना था. परंपरा के मुताबिक, अपने रिटायरमेंट से करीब महीने भर पहले देश के सेवारत मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को अपना उत्तराधिकारी बनाए जाने की सिफारिश राष्ट्रपति को एक पत्र भेजकर करते हैं.