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'मेरी चलती तो बाहर कर देता...', अपने नेताओं पर जमकर बरसे सीएम गहलोत, चर्चा में नाराजगी

शुक्रवार को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जयपुर के कांग्रेस के वार रूम में चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक लेने आए थे, लेकिन इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कई नेताओं की जमकर क्लास ली. सीएम ने जिन नेताओं की क्लास लगाई है, उनमें पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, प्रताप सिंह खाचारियावास, रघु शर्मा, सुखराम विश्नोई और निरज डांगी शामिल हैं.

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सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)
सीएम अशोक गहलोत (फाइल फोटो)

राजस्थान पॉलिटिकल कमेटी की बैठक में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुस्से की खबर की चर्चा पूरे राजस्थान में हो रही है. शुक्रवार को संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जयपुर के कांग्रेस के वार रूम में चुनावी तैयारियों को लेकर बैठक लेने आए थे, मगर जिन नेताओं को पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में रखा गया है, उनमें से अधिकतर की सीएम गहलोत ने जमकर ली. कुछ नेताओं पर उनके ओबीसी आरक्षण को लेकर दिए बयान को लेकर बरसे तो कुछ के टिकट को लेकर और मीडिया में दिए बयानों को लेकर उनकी खाट खड़ी कर दी. 

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वॉर रूम में गरजे गहलोत
सीएम ने जिन नेताओं की क्लास लगाई है, उनमें पूर्व सांसद रघुवीर मीणा, प्रताप सिंह खाचारियावास, रघु शर्मा, सुखराम विश्नोई और निरज डांगी शामिल हैं. हालांकि बाद में केसी वेणुगोपाल ने सीएम भावुक हो गए थे. एक तरफ जहां राजस्थान की राजनीति में सीएम के गुस्से की चर्चा हो रही है तो दूसरी ओर ये सवाल भी चर्चा का विषय है कि आखिर इस मीटिंग में सीएम इतने गुस्से में क्यों आए थे. 

मीटिंग में सीएम ने सबसे पहले पूर्व सासंद और सीडब्लूसी मेंबर रघुवीर मीणा की क्लास लगाई. मीणा ने कहा था कि आदिवासी दिवस पर ओबीसी आरक्षण वाली बात ठीक नहीं रही. इतना सुनते ही सीएम ने कहा कि 'राजनीतिक समझ की तुम्हारी औकात क्या है? सलूम्बर को जिला बना दिया. तीन कमेंट ट्विटर पर पढ़कर डरजाते हो.' 

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कई नेताओं- मंत्रियों को पड़ी फटकार
वहीं, खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचारियावास से मुखातिब होते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि 'बोलने की समझ नहीं है, फ़ाउल खेलते हो. मेरी चलती तो रास्ता दिखा देता. सीएम के गुस्से का शिकार राज्यसभा सांसद नीरज डांगी भी बने. गहलोत ने उन्हें कहा कि 'तीन बार टिकट दिया, हार गया तो राज्यसभा में भेजा, फिर टिकट के लिए घूम रहे हो शर्म नहीं आती.' वहीं, रघु शर्मा को फटकारते हुए सीएम बोल पड़े, 'जातीय जनगणना की बात करते हो, राहुल गांधी से बात क्यों नहीं करते, केकड़ी को जिला बना दिया तो हालत सुधरी है. फिर भी खुश नहीं रहते.' इसी तरह श्रम मंत्री, सुखराम विश्नोई से कहा कि 'मुख्यमंत्री ने कहा आप चुनाव हार रहे थे, वो तो जिला बना दिया तो स्थिति सुधरी है. 

OBC वोटबैंक को बीजेपी की ओर लाने की जरूरत 
OBC के कुछ जातियों के आरक्षण बढ़ाने को लेकर विवाद पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'आप लोगों की पॉलिटिकल समझ तो है नहीं, अभी दो महीने का वक्त ,है चुनाव आचार संहिता में जो आरक्षण मिलने जा रहा है. मगर बहुत सारी OBC जातियां BJP के वोट बैंक हैं, जिन्हें कांग्रेस की तरफ लाना जरूरी है, हमने एक मैसेज देने की कोशिश की है.' उधर, सीएम के गुस्से को देखते हुए, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि 'मुख्यमंत्री जी, आपको इनसे प्रेम से बात करनी चाहिए, बाद में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि 'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भावुक हो गए थे. तब जाकर सीएम गहलोत ने मंत्रियों-सांसदों और विधायकों से माफी भी माँगी. 

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एक ही सवाल, क्यों गुस्से में थे गहलोत?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गुस्से की वजह पर लगातार चर्चा हो रही है. सवाल है कि आखिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इतने गुस्से में पॉलिटिकल अफेयरकमेटी की मीटिंग में क्यों आए थे. कुछ का कहना है कि इस तरह से दिल्ली से कमेटी बनाना और मीटिंग बुलाना मुख्यमंत्री को नागवार गुजरा है तो कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट को राजस्थान के चुनावी अभियान में साथ रखना चाहता है. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी तक तैयार नहीं है. कांग्रेस आलाकमान का संदेश लेकर केसी वेणुगोपाल मीटिंग से पहले मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे,  जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मीटिंग में आए तो गुस्से में थे, हालांकि मीटिंग में सचिन पायलट ने कहा कि हमें BJP की आक्रामक प्रचार की तैयारी अभी से करनी चाहिए और एकजुटता के साथ हमें सरकार रिपीट करानी है.

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