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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लिया. इस दौरान बैठक को संबोधित करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि भारत ने पिछले 70 सालों के अंदर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन अब इस पर युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि एक तरफ चीन बॉर्डर पर ललकार रहा है और दूसरी तरफ भारतीय बाजार में अपना प्रोडक्ट बढ़ाता जा रहा है. लेकिन हम सब प्रयास करें तो मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भारत चीन को पीछे छोड़ सकता है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिल कर देश भर में बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएं. जहां सस्ता माल बनाने के लिए खासकर छोटे और मझोले उ़द्योगों को सारी सुविधाएं और टैक्स में राहत दी जाए. हमारे देश के युवाओं के पास नए विचार हैं और उनमें भरपूर ऊर्जा है. उन्हें नए बिजनेस शुरू करने के लिए सभी सुविधाएं देने के साथ आर्थिक मदद दी जाए.
आगे सीएम अरविंद केजरीवाल ने नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘दिल्ली सरकार की तरफ से छह मुद्दों के उपर जो समान्य वक्तव्य है, उसे हम पहले ही सौंप चुके हैं. पिछले 70 सालों के अंदर हमारे देश में मैन्युफैक्चरिंग को बिल्कुल तबज्जों नहीं दिया गया. जिसका खामियाजा आज हमारा देश भुगत रहा है. धीरे-धीरे हालात यह हो गए हैं कि लोग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से निकल कर ज्यादातर व्यापार, ट्रेडिंग और सर्विस सेक्टर की तरफ बढ़ते जा रहे हैं. और हमारा देश मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में लगातार पिछड़ता जा रहा है.’
सीएम ने कहा कि अभी पिछले साल भर से हम देख रहे हैं कि किस तरह से देश के समक्ष दो तरह की सबसे बड़ी समस्या आई. इसमें एक कोविड-19 की समस्या आई, जिसकी वजह से मैन्युफैक्चरिंग ज्यादा प्रभावित हो गई और बहुत जबरदस्त बेरोजगारी फैल गई. वहीं, दूसरा, हमने देखा कि किस तरह से चीन एक तरफ बॉर्डर पर हमें ललकार रहा है. और साथ-साथ हमारे बाजारों के अंदर जिस तरह से चीन का आक्रमण है, हमारे बाजारों में चीन के प्रोडक्ट बहुत बड़े स्तर पर भारतीय प्रोडक्ट को रिप्लेस करते जा रहे हैं. इससे मुझे लगता है कि मैन्युफैक्चरिंग को हमें बहुत ही ज्यादा महत्व देते हुए इसे बढ़ावा देना चाहिए.
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा कि मेरा यह सुझाव है कि केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें मिलकर के अगर देश भर में मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएं. और उन मैन्युफैक्चरिंग हब में आयात के विकल्प और निर्यात के लिए बहुत बड़े स्तर पर अगर हम तत्परता के साथ अपने इंडस्ट्रियलिस्ट, मैन्युफैक्चरर्स को और खासतौर से छोटे और मझोले इंडस्ट्री को सारी सुविधाएं दें. बड़े पैमाने पर टैक्स में रियायत दें और सभी सहूलियतें दें, जिससे कि वे चीन से भी सस्ता माल हमारे देश के अंदर बना सकें. इससे हमारे देश में रोजगार भी पैदा होगा, हमारा देश मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में चीन को दुनिया भर में पीछे छोड़ देगा और जीडीपी में भी सुधार होगा.
स्टार्टअप को लेकर सीएम केजरीवाल ने नीति आयोग की बैठक में कहा कि देश का युवा आगे आने के लिए तत्पर है और हमारे देश का जो युवा है, उसके अंदर नए उद्योग शुरू करने के लिए और नए बिजनेस शुरू करने के लिए पूरी उर्जा है. इसलिए स्टार्टअप को हमें बहुत बड़े स्तर पर बढ़ाने की जरूरत है, ताकि युवा न केवल स्वरोजगार तैयार करेंगे, बल्कि इसके उपर बड़े पैमाने पर संघर्ष करते हैं, तो उससे नए रोजगार बड़े पैमाने पर पैदा किए जा सकते हैं.
सीएम ने कहा कि "मैं युवाओं से मिलता रहता हूं, एक समय ऐसा था, जब आईआईटी के बहुत सारे लोग देश छोड़ कर बाहर जाया करते थे. लेकिन पिछले 10 से 15 सालों के अंदर यह ट्रेंड कम हुआ है और अब हमारे देश का युवा हमारे देश के अंदर रह कर अपना नया उद्योग और व्यापार शुरू करना चाहता है. अगर हम सभी सरकारें मिल जाएं, चाहे वो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकारें हों और अपने युवाओं को सभी सहूलियत दी जाएं, तो मैं समझता हूं कि हमारा युवा देश की प्रगति में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. मैं समझता हूं कि जो आज मैंन्युफैक्चरिंग का एजेंडा रखा गया है, हम सब मिलकर के इसके ऊपर कुछ ठोस निर्णय लेंगे और ठोस कदम उठाएंगे."