बिहार में एक बार फिर सत्ता की चाबी इधर से उधर होने वाली है. पटकथा लिखी जा चुकी है, लगभग सारे किरदार अपना-अपना पार्ट खेल चुके हैं, अब केवल इस पूरे खेल का उपसंहार सामने आने वाले हैं. सीएम नीतीश कुमार NDA में वापसी करने वाली हैं. बिहार में एक बार फिर NDA गठबंधन की सरकार बनने वाली है. लेकिन इस सारे खेल के याद आ गई है वे पुरानी बातें जो कभी नीतीश ने इसी NDA के लिए कही थीं.
इस जीवन में BJP के साथ गठबंधन नहीं.. कभी नीतीश ने कहा था ऐसा
लगभग साल भर पहले की ही बात है. साल 2023 की जनवरी में सीएम नीतीश ने बिहार में चल रही हलचल पर विराम लगाने की कोशिश करते हुए पत्रकारों से कहा था कि, वह इस जीवन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ दोबारा गठबंधन नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ''मैं मरते दम तक बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. मैं मौत स्वीकार कर लूंगा लेकिन बीजेपी के साथ नहीं जाऊंगा. उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते थे, लेकिन बीजेपी ने उन्हें जबरदस्ती सीएम बनाया. उन्होंने कहा, ''चुनाव होने दीजिए, सबको पता चल जाएगा कि किसे कितनी सीटें मिलेंगी.''
अटल-आडवाणी के युग को किया था याद
तब बिहार के मुख्यमंत्री ने वर्तमान भाजपा नेतृत्व पर अहंकार का भी आरोप लगाया था और अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी के युग को याद किया था. उन्होंने कहा था कि "हम अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी का सम्मान करते थे और इसलिए हमेशा उनके पक्ष में थे."
संजय जायसवाल ने भी कही थी ये बात
इससे पहले, बिहार इकाई के भाजपा प्रमुख संजय जयसवाल ने कहा था कि नीतीश कुमार अब बेहद "अलोकप्रिय" हो गए हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है. " यह उनकी अलोकप्रियता ही थी जिसके कारण JDU 2020 के विधानसभा चुनावों में कई सीटें हार गईं", जयसवाल ने कहा था कि भाजपा ने राज्य चुनावों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था.
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बिहार के सीएम ने इस तरह का बयान दिया हो. पिछले साल बीजेपी से गठबंधन तोड़कर महागठबंधन से हाथ मिलाने के बाद सीएम कुमार ने कहा था, ''मैं जीवन भर इन लोगों के साथ किसी भी तरह नहीं जाऊंगा. हम सभी समाजवादी हैं जो साथ रहेंगे, बिहार में प्रगति करेंगे और'' देश के उत्थान के लिए काम करेंगे.”