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कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर मंथन, येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र ने की जेपी नड्डा से मुलाकात

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र शनिवार को दिल्ली पहुंचे और उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बीजेपी नेतृत्व चेतावनी दे चुका है कि येदियुरप्पा लिंगायत वोटों को लामबंद करने की कोशिश न करें.

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बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र और जेपी नड्डा (फाइल फोटो-PTI)
बीएस येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र और जेपी नड्डा (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • लिंगायत समुदाय को साधने में जुटा RSS
  • येदियुरप्पा चाहते हैं गैर लिंगायत बने सीएम
  • बीजेपी को लिंगायत वोटरों के लामबंद होने का डर

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेतृत्व परिवर्तन करने जा रही है. मौजूदा सीएम बीएस येदियुरप्पा (Yediyurappa) को सीएम पद से हटाया जा सकता है. नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र शनिवार को दिल्ली पहुंचे और उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. 

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बीएस येदियुरप्पा लिंगायत समाज से आते हैं. ऐसे में सत्ता से हटने के बाद वे लिंगायत वोटरों को लामबंद न करें, इसकी चेतावनी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व पहले ही दे चुका है. विजयेंद्र के साथ हुई बैठक में जेपी नड्डा ने इसी बात पर चिंता जाहिर की और उन्हें आगाह किया है.

दरअसल जब सीएम येदियुरप्पा को शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली तलब किया था, तभी उन्होंने सुझाव दिया था कि एक गैर लिंगायत शख्स को उनकी जगह सीएम पद की जिम्मेदारी दी जाए. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का कहना है कि येदियुरप्पा की जगह किसी लिंगायत विधायक या मंत्री को मुख्यमंत्री पद पर बैठाया जाए.

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सीएम कैंडिडेट पर जारी है बीजेपी का मंथन

वहीं ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि लिंगायत समुदाय का नेता होने की वजह से किसी गैर लिंगायत शख्स को सीएम पद की जिम्मेदारी दी जाए. लिंगायत वोटरों के भटकने की दिशा में सीएम येदियुरप्पा के बेटे विजयेंद्र की पार्टी में पकड़ मजबूत हो सके. वहीं बीजेपी इस बात की पड़ताल करने में जुटी है कि येदियुरप्पा के बाद कौन नेता ऐसा है, जिसकी लिंगायतों में ज्यादा मजबूत पकड़ हो. सीएम उम्मीदवारों को लेकर बड़े स्तर पर अलग-अलग एजेंसियों से फीडबैक लिया जा रहा है.

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कहीं लिंगायत समुदाय को लामबंद न कर दें येदियुरप्पा!

सीएम कौन होगा, इस पर फैसला अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, संघ नेता दत्तात्रेय होसबोले लेंगे. ऐसे में सभी का कहना है कि सीएम कैंडिडेट ऐसा हो, जिसकी पकड़ न सिर्फ लिंगायत वोटरों में हो, बल्की अन्य समुदायों में भी हो. माना जाता है कि लिंगायत समुदाय के लोग बीजेपी के कोर वोटर हैं. येदियुरप्पा लिंगायत समुदाय के बड़े नेता हैं. ऐसे में पद से हटाए जाने के बाद कहीं वे वोटरों को लामबंद न करने लगें, इस एंगल पर भी पार्टी में मंथन चल रहा है.

सीएम पद की रेस में लिंगायत समुदाय के कितने नेता?

सीएम पद की रेस में बासवराज बोम्मई भी हैं. इनकी गिनती येदियुरप्पा के करीबी नेताओं में भी होती है. वे कर्नाटक का गृहमंत्रालय संभाल रहे हैं, वहीं पूर्व सीएम एसआर बोम्मई के बेटे हैं. मुर्गेश निरनई भी सीएम पद की रेस में है. ये भी येदियुरप्पा कैबिनेट का हिस्सा हैं. इन्हें खनिज एवं भूगर्भ विज्ञान का मंत्री बनाया गया है. ऐसे में ये भी सीएम पद के प्रबल उम्मीदवार हैं.

अरविंद बेलाड़ बीते 2 बार से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं. कर्नाटक में इनकी छवि स्वच्छ छवि वाले नेता के तौर पर है. ऐसे में इन्हें भी सीएम बनाया जा सकता है.  हालांकि किसे सीएम बनाया जाएगा, क्या लिंगायत समुदाय का ही शख्स कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री होगा, इस पर अभी तक पार्टी नेतृत्व ने फैसला नहीं लिया है. ऐसा दावा किया जा रहा है कि जल्द ही सीएम पद के लिए नए चेहरा का ऐलान बीजेपी कर सकती है.
 

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