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UP के लिए कितना 'UPYOGI' साबित हुए सीएम योगी? आंकड़ों में देखें रिपोर्ट कार्ड

योगी सरकार में कहां से कहां तक पहुंची यूपी की अर्थव्यवस्था? आम आदमी की कमाई में कितना इजाफा हुआ? हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर कितना बढ़ा? इस खबर में आंकड़ों से समझें योगी सरकार का रिपोर्ट कार्ड.

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सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-PTI)
सीएम योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 5 साल में जीडीपी में 32% बढ़ी
  • प्रति व्यक्ति आय में मामूली बढ़त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 दिसंबर को शाहजहांपुर में एक रैली में सीएम योगी आदित्यनाथ को यूपी की जरूरत बताते हुए एक नया नारा दिया था. उन्होंने कहा था कि 'UP+Yogi'= 'बहुत UPYOGI' है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि इतने बड़े यूपी को चलाने के लिए जिस दमदारी की जरूरत है, उसे ये डबल इंजन सरकार पूरा कर रही है.

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प्रधानमंत्री मोदी के इस नारे पर समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तंज कसा था कि यूपी की सरकार 'उपयोगी' नहीं, 'अनुपयोगी' है. अखिलेश ने पूछा था कि यूपी वाले कह रहे हैं अगर कोई 'उप-योगी' है तो 'मुख्य-योगी' कौन है?

पिछले विधानसभा चुनाव में 403 में से 312 सीटें जीतकर सत्ता में आने वाली बीजेपी के पास अब उत्तर प्रदेश में दोबारा वापसी करना चुनौती है. उत्तर प्रदेश में 1985 के बाद से कोई भी सरकार वापसी नहीं कर पाई है. उस समय कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी दोबारा चुनकर आए थे. ये कांग्रेस की उत्तर प्रदेश में आखिरी सरकार थी. 

कैसा रहा है योगी राज का रिपोर्ट कार्ड?

1. अर्थव्यवस्था में कितना सुधार हुआ?

सीएम योगी आदित्यनाथ अक्सर दावा करते रहते हैं कि उनकी सरकार में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था छठे नंबर से देश की दूसरी अर्थव्यवस्था बनी है. हालांकि, आंकड़े इससे इतर हैं. 2016-17 में भी तमिलनाडु और महाराष्ट्र के बाद यूपी देश की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी. 2020-21 में यूपी दूसरे नंबर पर है. 2016-17 से 2020-21 के बीच यूपी की जीडीपी 32 फीसदी बढ़ी है.

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सीएम योगी अक्सर ये भी दावा करते हैं कि उनकी सरकार में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई है. लेकिन सरकारी आंकड़ों को ही देखें तो 2016-17 में यूपी में सालाना प्रति व्यक्ति आय 43 हजार 861 रुपये थी. योगी सरकार में इसमें मामूली बढ़ोतरी हुई है. 2020-21 में यूपी में प्रति व्यक्ति आय 44 हजार 618 रुपये है.

2. स्वास्थ्य में कितना सुधार हुआ?

कोरोना काल में स्वास्थ्य को लेकर जोर बढ़ गया है. ये सच है कि योगी सरकार में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन ये बढ़ोतरी मामूली ही है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यूपी में 2016-17 में 45 मेडिकल कॉलेज थे जिनकी संख्या 2019-20 में बढ़कर 55 हो गई है. 2016-17 में यूपी में 4 हजार 461 अस्पताल थे और 2019-20 में 4 हजार 683. इनमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी शामिल हैं. इसी तरह यूपी में डॉक्टरों की संख्या 18 हजार बढ़कर 89 हजार 286 पहुंची है.

पिछले पांच साल में उत्तर प्रदेश में बाल मृत्यु दर में जरूर सुधार हुआ है. लेकिन अब भी यूपी स्वास्थ्य के मामले में काफी पिछड़ा है. नीति आयोग के हेल्थ इंडेक्स में यूपी अब भी सबसे नीचे है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे के मुताबिक, यूपी में अब भी हर 1000 जन्म पर शिशु मृत्यु दर 50.4, नवजात मृत्यु दर 35.7 और 5 साल से पहले मृत्यु दर 59.8 है.

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3. महिलाओं की स्थिति में कितना सुधार हुआ?

महिलाओं की स्थिति के मामले में उत्तर प्रदेश में बहुत ज्यादा सुधार नहीं हुआ है, लेकिन 5 साल की तुलना में अब स्थिति थोड़ी बेहतर भी कही जा सकती है. यूपी में आज भी 40 फीसदी से कम लड़कियां ऐसी हैं जो 10वीं से आगे पढ़ पाती हैं. अभी भी 15 फीसदी से ज्यादा लड़कियों की शादी 18 साल से पहले हो जाती है.

हालांकि, सेक्स रेशियो में सुधार हुआ है. 2015-16 में यूपी में हर 1000 पुरुषों पर 995 महिलाएं थीं. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक, 2020-21 में हर 1000 पुरुषों पर 1,017 महिलाएं हैं. हालांकि, ये सुधार सिर्फ यूपी ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हुआ है.

4. रोजगार की स्थिति में कितना सुधार हुआ?

उत्तर प्रदेश ही नहीं, देशभर में ही रोजगार की स्थिति खराब है. कोरोनाकाल में ये स्थिति बद से बदतर हो गई है. यूपी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में 2016-17 में 9.99 लाख लोग सरकारी नौकरी में थे, जिनकी संख्या 2021-22 में घटकर 9.44 लाख हो गई.

इतना ही नहीं, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के आंकड़े बताते हैं कि यूपी में अप्रैल 2017 तक 5.57 करोड़ लोगों के पास रोजगार था. दिसंबर 2021 तक ऐसे 5.59 करोड़ लोग थे. बेरोजगारी दर भी दोगुनी से अधिक हो गई है. मार्च 2017 में यूपी में बेरोजगारी दर जहां 2.4% थी, वो दिसंबर 2021 में बढ़कर 4.9% हो गई.

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5. अपराध की स्थिति में कितना सुधार हुआ?

सीएम योगी समेत बीजेपी के तमाम नेता उत्तर प्रदेश में अपराध में सुधार होने का दावा करते रहे हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े भी इस बात की ओर इशारा करते हैं. योगी राज में महिलाओं के खिलाफ अपराध में मामूली कमी आई है. बलात्कार के मामले भी योगी सरकार में कम हुए हैं.

हालांकि, दलितों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं. यूपी में 2016 में दलितों के खिलाफ अपराध के 10,426 मामले दर्ज हुए थे, जो 2020 में बढ़कर 12,714 हो गए.

यूपी में 7 चरणों में होने हैं चुनाव

2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 40 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए थे और 312 सीटें जीती थीं. इस बार यूपी में बीजेपी के लिए दोबारा वापसी करना चुनौती है. उत्तर प्रदेश में इस बार 7 चरणों में चुनाव होने हैं. पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होना है. इसके बाद दूसरे चरण का 14 फरवरी, तीसरे चरण का 20 फरवरी, चौथे चरण का 23 फरवरी, पांचवें चरण का 27 फरवरी को, छठे चरण का 3 मार्च और आखिरी चरण का 7 मार्च को है. 10 मार्च को नतीजे आएंगे.

 

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