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Coal Crisis Explainer: देश में एक साल में रिकॉर्ड कोयला उत्पादन, फिर भी संकट क्यों? 4 बड़े कारण

देश इस वक्त कोयले की कमी से जूझ रहा है. कई प्लांट कोयले की कमी से बंद होने की खबरें हैं और ये सब तब हो रहा है जब इस साल की पहली छमाही में कोल इंडिया ने रिकॉर्ड उत्पादन किया है.

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कोयले की मांग बढ़ गई है. (फाइल फोटो-PTI)
कोयले की मांग बढ़ गई है. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अप्रैल से सितंबर के बीच कोयले का रिकॉर्ड उत्पादन
  • कोल इंडिया ने 249.8 मिलियन टन उत्पादन किया

भारत ने इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा कोयले का उत्पादन किया है. 2021 का प्रोडक्शन 2019-20 की तुलना में 6 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा, इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच कोयले का डिस्पैच पिछले साल के इन्हीं महीनों की तुलना में 20 फीसदी ज्यादा है. 

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लेकिन इस सबके बावजूद भी देश में कोयले की कमी (Coal Shortage) की बातें सामने आ रही है और वो भी तब कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने इस साल रिकॉर्ड उत्पादन किया है. 

जानकारी के मुताबिक, इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच कोल इंडिया ने 249.8 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है, जो पिछली साल की समान अवधि में हुए उत्पादन से 13.8 मिलियन टन ज्यादा है. हालांकि, इस साल अप्रैल से सितंबर के बीच 307.7 मिलियन टन कोयले की सप्लाई की गई है, जो पिछली साल की इसी अवधि की तुलना में 55.2 मिलियन टन ज्यादा है.

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फिर क्यों आया कोयले का संकट...?

1. अर्थव्यवस्था में सुधार आते ही बिजली की मांग बढ़ गई है.
2. सितंबर में कोयला खदानों के आसपास ज्यादा बारिश होने से कोयले का उत्पादन प्रभावित हुआ है. 
3. विदेशों से आने वाले कोयले की कीमतें बढ़ीं. इससे घरेलू कोयले पर निर्भरता बढ़ गई.
4. मॉनसून की शुरुआत से पहले कोयले का स्टॉक न रखना.

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क्या और भी कुछ कारण?

कोल इंडिया और कोयला मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार मांग में बढ़ोतरी की वजह से ही हालिया हालात पैदा हुए हैं. बताया जा रहा है कि इसी साल मार्च में कोल इंडिया ने पावर प्लांट्स को कोयले का स्टॉक रखने की सलाह दी थी, लेकिन प्लांट ने इस सलाह को माना नहीं. मार्च में कोल इंडिया के 16 फीसदी कोयले का इस्तेमाल ही नहीं हो सका. सूत्र ये भी बताते हैं कि कोल इंडिया अक्टूबर 2020 से ही पावर प्लांट को लिख रहा था कि उसके पास कोयला ज्यादा है और प्लांट इसे स्टॉक कर रख सकते हैं. हालांकि, इन सबके अलावा भी कोयला संकट (Coal Crisis) के चार बड़े कारण निकल कर सामने आ रहे हैं.

 

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