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सात साल के बेटे ने शहीद पिता को दी अंतिम सलामी तो नम हो गईं सबकी आंखें, अंतिम यात्रा में उमड़ा पूरा शहर

शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर घर पहुंचा तो उनके सात साल के बेटे ने सेना की ड्रेस में पिता को सैल्यूट किया. इस दौरान घर के बाहर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे. लोगों ने पुष्प वर्षा कर शहीद को अंतिम विदाई दी. इस दौरान मौजूद लोगों की आंखें नम थीं.

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सात साल के बेटे ने पिता को दी अंतिम सलामी.
सात साल के बेटे ने पिता को दी अंतिम सलामी.

अनंतनाग में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह के घर पंचकूला में सन्नाटा पसरा है. किसी को समझ नहीं आ रहा कि ये क्या हो गया. पंचकूला में हर कोई गमगीन है. शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर उनके गृहनगर मोहाली जिले के गांव ले जाया गया है. जैसे ही पार्थिव शरीर मोहाली में स्थित घर पर पहुंचा तो कर्नल के सात साल के बेटे ने सेना की वर्दी वाली ड्रेस में अपने पिता को सलामी दी.

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बता दें कि शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह अपने पीछे दो साल की बेटी भी छोड़ गए हैं. इस दौरान सेना के एक अफसर मनप्रीत के बेटे को गोद में लिए नजर आए, जबकि परिवार और अन्य लोग शहीद कर्नल को अंतिम विदाई दे रहे थे. कर्नल मनप्रीत की पत्नी, बहन, मां और परिवार के अन्य सदस्य गमगीन थे. कर्नल मनप्रीत की अंतिम यात्रा शुरू हो गई है. उनके पार्थिव शरीर को श्मशान घाट ले जाया जा रहा है.

शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह के 7 साल के बेटे ने शहीद पिता को दी अंतिम सलामी

बता दें कि बुधवार को घाटी के कोकोरेनाग इलाके के ऊंचे इलाकों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल और मेजर समेत तीन सैन्यकर्मी और जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए थे. कर्नल मनप्रीत सिंह के घर पर शोक मनाने वालों का तांता लगा रहा. इससे पहले सुबह उनकी मां दरवाजे पर उनके पार्थिव शरीर का इंतजार करती दिखीं.

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यह भी पढ़ेंः 6 साल का बेटा, ढाई साल की बेटी... रुला देगी अनंतनाग में शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह की कहानी

आजतक' से बातचीत में कर्नल मनप्रीत के भाई संदीप सिंह ने बात की. कहा कि मेरी उनसे पांच से 6 दिन पहले बात हुई थी. उन्हें बुक बाइंडिंग का कुछ काम करवाना था. कल (बुधवार) फोन किया तो उन्होंने उठाया नहीं. हमेशा फोन का रिस्पोंस देते थे. लेकिन इस बार उन्होंने फोन ही नहीं उठाया. फिर उनकी शहादत की खबर हमें मिली.

कर्नल मनप्रीत पिछले चार साल से अनंतनाग में पोस्टेड थे. वह 19RR CO सिख रेजिमेंट में अपनी सेवाएं दे रहे थे. उनके पिता भी सेना में थे. 2014 में उनकी बीमारी से मौत हो गई थी.

2016 में हुई थी मनप्रीत सिंह की शादी

संदीप सिंह ने बताया कि मनप्रीत भैया अपने परिवार से बेहद प्यार करते थे. सारा परिवार मोहाली में रहता है. लेकिन भाभी जगमीत ग्रेवाल टीचर हैं. उनकी पोस्टिंग मोरनी के सरकारी स्कूल में है. इसलिए वह बेटे कबीर सिंह और बेटी वाणी के साथ अपने माता-पिता के घर यानि पंचकूला में रह रही हैं, क्योंकि वहां से भाभी का स्कूल पास में है. भाभी को पहले हमने इस बात की जानकारी नहीं दी थी कि भैया शहीद हो गए हैं. बाद में उन्हें इस बारे में बताया गया. मनप्रीत सिंह की साल 2016 में पंचकूला निवासी जगमीत कौर से शादी हुई थी.

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