कांग्रेस ने बुधवार को लोकसभा में "गंभीर सुरक्षा उल्लंघन" पर सरकार से जवाब देने और संसद के दोनों सदनों में गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की. उन्होंने कहा कि क्या यह घटना "यह साबित नहीं करती है कि जरूरी सावधानी नहीं बरती गई थी". उन्होंने इसे लापरवाही कहा है.
शून्यकाल के दौरान हुई घटना
दरअसल, बुधवार को संसद में शून्यकाल के दौरान दो व्यक्ति सार्वजनिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए और वहां, स्मोक अटैक करके अफरा-तफरी का माहौल पैदा कर दिया. आरोपियों को सांसदों ने पकड़ने की कोशिश की, तो उस दौरान दोनों नारे लगाने लगे. ठीक इसी समय, बाहर की ओर भी एक युवक और एक महिला ने संसद परिसर के बाहर 'तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाते हुए गैस का छिड़काव किया.
कांग्रेस ने अमित शाह से मांगा जवाब
इस पूरे मामले के बाद, कांग्रेस ने मांग की है कि, गृह मंत्री राज्यसभा में आएं और बयान दें. इसके साथ ही बाद में कांग्रेस विरोध में उच्च सदन से बाहर चली गई. एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "लोकसभा में आज हुई असाधारण घटना और सुरक्षा चूक में इतने बड़े उल्लंघन को लेकर गृह मंत्री ने इस मामले पर बयान देने से इनकार कर दिया. इसके बाद INDIA दलों ने इस मुद्दे पर सदन से वॉक आउट कर दिया. उन्होंने कहा कि, 22 साल पहले आज के दिन ही संसद पर हमला हुआ था.''
पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी पर भी स्पष्ट रूप से निशाना साधते हुए, कांग्रेस ने एक पोस्ट अपडेट किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा की साथ वाली तस्वीर लगाई है. तस्वीर पर कैप्शन में कांग्रेस ने लिखा, ना ही वहां कोई घुस आया है, ना ही वहां किसी ने किसी को घुसाया है''
खड़गे ने कही ये बात
एक्स पर एक पोस्ट में पार्टी अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संसद में हुआ सुरक्षा उल्लंघन बहुत गंभीर मामला है. उन्होंने कहा, "हम मांग करते हैं कि गृह मंत्री को दोनों सदनों में आकर इस पर बयान देना चाहिए. सवाल यह है कि इतनी बड़ी सुरक्षा के बावजूद दो लोग अंदर कैसे आए और वहां स्मोक अटैक किया. "आज शहीद दिवस पर हमने 22 साल पहले संसद पर हुए हमले में अपनी जान गंवाने वाले बहादुर सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी. हमें उम्मीद है कि सरकार इसे बहुत गंभीरता से लेगी. हम पूरी घटना की गहन जांच की मांग करते हैं. हम उन्होंने लिखा, ''हमेशा देश की एकता और अखंडता चाहते हैं.''
सुरक्षा व्यवस्था की हो गहन समीक्षा
एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी संसद में सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा की मांग की. "लोकसभा में घुसपैठ बेहद परेशान करने वाली है, खासकर 2001 के संसद हमले की बरसी पर. मुझे खुशी है कि किसी को कोई बड़ी चोट या क्षति नहीं हुई. उन्होंने कहा, "संसद हमारे देश की सबसे उच्च सुरक्षा वाली इमारतों में से एक है. इतनी बड़ी सुरक्षा चूक अस्वीकार्य है. हम गृह मंत्रालय से जवाब मांगते हैं और नए संसद भवन में सुरक्षा व्यवस्था की गहन समीक्षा होनी चाहिए."
2001 में हुआ था संसद पर हमला
लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 2001 में संसद पर हुए हमले की बरसी पर यह संसद के अंदर एक बड़ा सुरक्षा उल्लंघन था. उन्होंने कहा, "हालांकि हम इस बात से सहमत हैं कि यह हमला उस हमले जैसा नहीं है, लेकिन क्या इससे यह साबित नहीं होता कि जरूरी सावधानियां नहीं बरती गईं." एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा, "दो युवकों को संसद गैलरी के अंदर स्मोक छोड़ते देखा. सांसद इन लोगों को पकड़ने के लिए दौड़े. एक व्यक्ति कुछ नारे लगा रहा था.
अचानक फैलाया पीला धुआं
पार्टी सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि सदन में शून्यकाल चल रहा था और वह बोलने के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. उन्होंने बताया कि अचानक ऐसा लगा कि एक व्यक्ति दर्शक दीर्घा से नीचे गिर गया है. उन्होंने कहा, "तब हमें एहसास हुआ कि किसीने जानबूझकर वेल में छलांग लगाई थी. वहां एक और व्यक्ति था, उन दोनों ने स्मोक अटैक कर दिया, जिनसे पीला धुंआ फैल गया.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "दो लोग सदन में घुसे और उसे 'धुएं' से भर दिया. आज संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी है और आज भी संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे संभव है?" उन्होंने पूछा, "आखिर ये कौन लोग थे जिनके प्रवेश पास भाजपा के मैसूर सांसद प्रताप सिम्हा ने बनाए थे."