झारखंड के श्री सम्मेद शिखरजी को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी जैन धर्म के पवित्र तीर्थस्थलों को खजाने भरने का माध्यम बनाना चाहती है, जिनमें सम्मेद शिखरजी, पलिताना की शत्रुंजय पहाड़ियों, गिरनार पर्वत शामिल हैं. खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत के संविधान के तहत सभी धार्मिक स्थलों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
पवन खेड़ा ने कहा कि एक ओर राहुल गांधी देश के सभी लोगों को जोड़ने के लिए ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं, दूसरी ओर बीजेपी नफरत का जहर फैला रही है. भारत की आर्थिक प्रगति में जैन धर्म का बहुत योगदान है. कहा जाता है कि जैन धर्मगुरुओं ने महात्मा गांधी को अहिंसा और सत्याग्रह की प्रेरणा दी. आज भाजपा-आरएसएस ने उनके साथ विश्वासघात किया है और उनकी भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है. कांग्रेस प्रवक्ता ने देश के कई शहरों में आंदोलन को लेकर कहा कि लाखों लोग शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं. इनके दो कारण हैं.
1- झारखंड की पूर्व रघुबर सरकार और बीजेपी सरकार ने संयुक्त रूप से 20 जैन तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि गिरीडीह, सम्मेद शिखरजी और पारसनाथ पहाड़ी को इको सेंसिटिव ज़ोन (ESZ) घोषित किया और इसे एक पर्यटक में बदलने का फैसला किया.
14 अप्रैल, 2015- झारखंड के तत्कालीन सीएम रघुबर दास ने शिखरजी हिल्स में पर्यटन को विकसित करने के लिए "पारसनाथ पहाड़ी विकास योजना" जारी की. इस योजना में मधुबन शहर में एक हेलीपैड, उन्हें पार्क, पर्यटक स्वागत केंद्र, कार पार्किंग केंद्र और बस स्टैंड आदि का निर्माण शामिल था.
10 अगस्त 2018- जब राज्यव्यापी आंदोलन हुए तो भाजपा की रघुबर दास सरकार ने आंदोलनकारी जैन समुदाय को थोड़ी रियायत देते हुए, पारसनाथ और शिखरजी पहाड़ियों पर वाहनों और दोपहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया.
2 अगस्त 2019- पर्यावरण मंत्रालय ने झारंखड के गिरिडीह और धनबाद जिलों में पारसनाथ पहाड़ी और तोपचांची वन्यजीव अभयारण्यों की सीमा के आसपास 25 किलोमीटर क्षेत्र को इको सेंसिटिव जोन (ESZ) के रूप में घोषित किया. अहम बात यह है कि इको सेंसिटिव जोन (ईएसजेड) घोषित करने का मतलब यह नहीं है कि वहां पर्यटन क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता है.
जनवरी 2023- पिछले 3 वर्षों से कांग्रेस-झामुमो की झारखंड की यूपीए सरकार ने पारसनाथ पहाड़ी और शिखरजी पर कोई कदम नहीं उठाया, जिससे इसकी पवित्रता या जैन समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचे. हालांकि केंद्र सरकार के फैसले की वजह से झारखंड सरकार बाध्य है.
2- गुजरात में जहां भाजपा के पास डबल इंजन सरकार है, भाजपा जैन समुदाय के दो तीर्थ स्थलों की पवित्रता को दूषित करने का दुर्भावनापूर्ण प्रयास कर रही है. पहला स्थान गुजरात में भावनगर के पास पलिताना की शत्रुंजय पहाड़ियां हैं. जहां RSS-VHP के सदस्य लगातार 865 जैन मंदिरों और तीर्थस्थलों के प्रबंधन में बदलाव की मांग कर रहे हैं, जो 900 साल से अधिक पुराने हैं. जैन समुदाय के लोगों की भावनाओं के विपरीत, उनके आंदोलन को रोकने के लिए एक स्पेशल फोर्स का गठन किया गया है.
पवन खेड़ा ने बीजेपी से पूछे 3 सवाल-
1- बीजेपी लगातार जैन लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कदम क्यों उठा रही है? क्या यह एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश के तहत किया जा रहा है?
2- क्या बीजेपी की गुजरात सरकार ने जैन तीर्थ स्थलों का अपमान और अपमान नहीं किया?
3- क्या मोदी सरकार पारसनाथ हिल्स और पवित्र शिखरजी को इको सेंसिटिव जोन (ESZ) घोषित कर पर्यटन स्थल में तब्दील करने की अधिसूचना वापस लेगी? यदि नहीं तो क्या यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 का उल्लंघन नहीं है? क्या यही है मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास'?
जैन समाज ने राहुल गांधी को सौंपा ज्ञापन
सम्मेद शिखर बचाओ संघर्ष समिति एवं सकल जैन समाज बड़ौत के द्वारा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपा. इसको लेकर राहुल गांधी ने भी कहा कि जैन समाज की मांग उचित है और मैं इस ज्ञापन में की गई मांगों को भारतीय संसद में रखूंगा. राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान कुछ मिनट रुककर जैन समाज प्रतिनिधि डॉ. अमित राय जैन के द्वारा दिए गए ज्ञापन की मांगों को सुना और कहा कि शीघ्र ही यात्रा के बीच में दिल्ली में वह प्रदीप जैन आदित्य के माध्यम से जैन समाज को बुलाकर से विस्तार इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे.