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राज्यसभा उपसभापति पर एकजुटता की कोशिश, DMK उम्मीदवार का समर्थन करेगी कांग्रेस

कांग्रेस की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाते हुए काम किया जाए. लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के अलावा कोरोना संकट के दौर में लगे लॉकडाउन के कारण बने आर्थिक संकट के हालात पर चर्चा के लिए जोर दें.

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल-पीटीआई)
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अप्रैल से ही खाली है उपसभापति का पद
  • 14 सितंबर से मॉनसून सत्र की शुरुआत
  • राज्यसभा में एनडीए को बहुमत नहीं

कांग्रेस ने विपक्षी दलों को फिर से एकजुट करने के प्रयास के तहत राज्यसभा के उपाध्यक्ष पद के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया है.

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आजतक को जानकारी मिली है कि कांग्रेस जल्द ही डीएमके की दावेदारी का समर्थन करने के लिए समान विचारधारा वाले दलों से संपर्क करेगी. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी के संसदीय रणनीति समूह (PSG) की बैठक के दौरान इस पर सहमति बनी.

जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हरिवंश नारायण सिंह का कार्यकाल अप्रैल में समाप्त होने के बाद यह पद खाली हो गया है. कांग्रेस की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अन्य विपक्षी दलों के साथ समन्वय बनाते हुए काम करें. लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद के अलावा कोरोना संकट के दौर में लगे लॉकडाउन के कारण बने आर्थिक संकट पर पर चर्चा के लिए जोर दें. 

साझा उम्मीदवार की रणनीति

सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार को उतारने की रणनीति पर काम कर रही है. राज्यसभा में सत्तारूढ़ एनडीए के उम्मीदवार को हराने के लिए सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की संभावना तलाशने के लिए कांग्रेस अपने सहयोगी द्रमुक से संपर्क कर रही है.

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विपक्षी दल अगर एकजुट होते हैं तो कांग्रेस का मानना ​​है कि यह रणनीति काम कर सकती है. यह सोनिया गांधी की अध्यक्षता में एक संसदीय रणनीति समूह की महत्वपूर्ण बैठक में तय किया गया और डॉ मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता (LoP) गुलाम नबी आजाद और लोकसभा में LoP  अधीर रंजन चौधरी ने एक वर्चुअल मीटिंग के जरिए हिस्सा लिया. 14 सितंबर से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र से पहले कांग्रेस की यह अहम बैठक थी.

बैठक के दौरान, यह भी निर्णय लिया गया कि अन्य समान विचारधारा वाले दलों के साथ समन्वय करते हुए कई अहम ज्वलंत मुद्दों जिसमें लद्दाख में भारतीय क्षेत्रों में चीनी सैनिकों की घुसपैठ, बिहार रेजीमेंट के जवानों की शहादत जैसे विषयों पर बहस कराने को लेकर दबाव बनाया जाए. इसके अलावा कांग्रेस खस्ताहाल अर्थव्यस्था, कोरोना संकट आदि कई अन्य मुद्दों पर बहस के लिए दबाव बनाए जाने की कोशिश में है.

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