महिला पहलवानों के आरोपों में घिरे बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने प्रियंका गांधी पर पलटवार किया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "प्रियंका गांधी का ट्वीट देश को गुमराह करने का षडयंत्र है. पुलिस की जांच रिपोर्ट से कानून किसी को अपराधी नहीं मानता यह अधिकार न्यायालय को है और न्यायालय में हमे भी अपना पक्ष रखने का अधिकार संविधान देता है. ऐसा लगता है कि प्रियंका गांधी और कांग्रेस को न्यायालय में भरोसा नहीं है इसलिए वह हर मामले का मीडिया ट्रायल करती हैं. मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ कांग्रेस ने हमेशा साजिश रची है, जिसके कुछ उदाहरण आप सबके समक्ष हैं."
पूर्व कुश्ती महासंघ अध्यक्ष ने कहा कि स्व० चन्द्रभान शरण सिंह मेरे बाबा थे और 1952 में वह कांग्रेस पार्टी के विधायक बने थे. रहस्यमय परिस्थितियों में अस्पताल में उनकी मृत्यु कांग्रेस की साजिश थी. 1974 में मेरा घर गिराया गया और मुझे व मेरे परिवार के लोगों को जेल में बंद किया गया, तब भी कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी. 1975 में इमरजेंसी का विरोध करने के कारण कांग्रेस पार्टी मुझे पूर्वांचल में अपने वजूद के लिए चुनौती मानती है, इसलिए 1980 के दशक में मेरे ऊपर तीन दर्जन से अधिक गैंगेस्टर व आईपीसी की गम्भीर धाराओं के मुकदमें कांग्रेस के नेताओं के राजनैतिक दबाव में लिखे गए हैं.
'1980 में मेरे ऊपर प्राणघातक हमला हुआ'
उन्होंने कहा कि 1980 में मेरे ऊपर आटोमेटिक हथियारों से प्राणघातक हमला हुआ, जिसमें गम्भीर रूप से घायल हुआ लेकिन बच गया और मेरे सहयोगी की मृत्यु हो गयी उस समय भी केन्द्र और प्रदेश में कांग्रेस की ही सरकार थी. विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में मेरा इनकाउण्टर करने की कोशिश की लेकिन भारी जनसमर्थन के कारण कांग्रेस की सरकार विफल हो गई. 1989 के विधान परिषद चुनाव में मैं चुनाव हारा नहीं था बल्कि 04 वोट से हरा दिया गया था. कांग्रेस ने मेरे राजनैतिक सफर को रोकने का प्रयास किया था. 1989 में रामजन्मभूमि आन्दोलन में पहली गिरफ्तारी मेरी हुयी, उस समय देश में कांग्रेस की सरकार थी.
'1992 में कांग्रेस सरकार के इशारे पर मेरी गिरफ्तारी हुई'
बृजभूषण सिंह ने कहा कि 1992 में विवादित ढांचा गिरा तब कांग्रेस सरकार के इशारे पर मेरी गिरफ्तारी कराई गई. 1995 में टाडा लगाकर मुझे देश द्रोही बताया गया तब भी कांग्रेस सत्ता में ही थी. 2004 में एक दुर्घटना को हत्या कहकर मेरे राजनैतिक वजूद मिटाने का कांग्रेस ने कुचक्र रचा जिसकी सीबीआई जांच में मुझे न्याय मिला. 2023 में रचे गए षडयंत्र में पूरी कांग्रेस पार्टी शामिल है. इस षडयंत्र की कमान प्रियंका गांधी, भूपेन्द्र हुड्डा जैसे लोगों के हाथ में है इसलिए मैं प्रियंका गांधी से सवाल करता हूं कि देश को बताएं कि उन्हें मीडिया ट्रायल पर भरोसा है या न्यायालय की कार्यवाही पर अगर न्यायालय की कार्यवाही पर भरोसा है तो मीडिया में अपरिपक्व बयान देने का मतलब क्या है.
'मेरे खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ें प्रियंका'
उन्होंने कहा कि मैं देश की कानून व्यवस्था और न्यायालय में यकीन रखता हूं, जिसका परिणाम है कि कांग्रेस की सरकार में लगाए गए सारे आरोप अदालतों के द्वारा खारिज हो चुके हैं. प्रियंका गांधी और उनकी पार्टी झूठ के सहारे राजनीति का सपना देखना बंद करें. जीत हमेशा सच्चाई की होती है और झूठ पर सच कितना भारी है इसको अगर प्रियंका गांधी देखना चाहती हैं. तो ट्विटर-ट्विटर खेलना बंद करें और मेरे खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ने की हिम्मत करें.
प्रियंका गांधी ने क्या कहा था?
बता दें कि प्रियंका गांधी ने इससे पहले ट्वीट करते हुए बृजभूषण सिंह पर निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था, "कानून और नैतिकता कहती है कि महिलाओं के साथ अत्याचार करने वाले आरोपी को उसके पद से हटाया जाए, निष्पक्ष जांच हो, गिरफ्तारी हो और अदालत में उसे सजा दिलवाई जाए। लेकिन भाजपा सरकार में देश का मान बढ़ाने वाली महिला खिलाड़ियों के साथ अत्याचार करने वाले आरोपी को बचाया क्यों जाता है, मामले को दबाया क्यों जाता है, जांच में मामले को रफा-दफा क्यों किया जाता है? पूरी सरकार इस मामले पर मौन क्यों है? आरोपी अभी तक भाजपा में क्यों है और कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?"