अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब कांग्रेस ने खुलकर देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है. अडानी ग्रुप विवाद पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पार्टी ने फैसला लिया है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार आम लोगों के पैसे का इस्तेमाल अपने करीबी दोस्तों की मदद के लिए कर रही है, जिसका कांग्रेस पार्टी विरोध करती है और अब सोमवार को LIC और SBI दफ्तरों के सामने देशभर के जिलों में आंदोलन किया जाएगा.
बता दें कि भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) के लिए के लिए साल 2023 बेहद बुरा साबित हो रहा है. हर बीतते दिन के साथ उन्हें झटके पर झटका लग रहा है. बीते साल 2022 में दुनिया के तमाम अरबपतियों में वे अकेले ताबड़तोड़ कमाई करने वाले शख्स रहे थे. लेकिन बीते एक साल में उन्होंने जितना कमाया था, उससे ज्यादा एक महीने में ही गंवा दिया. यही नहीं, टॉप-10 अमीरों (Top-10 Richest) की लिस्ट से बाहर होने के बाद अब उनसे एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का ताज भी छिन गया है.
धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट वापस लेने की मांग
अडानी ग्रुप के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार हमलावर रहते आए हैं. राहुल अक्सर अपने बयानों में अडानी ग्रुप पर सवाल उठाते हैं. हाल ही में रिसर्च फर्म Hindenburg की रिपोर्ट पब्लिक होने के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी अडानी ग्रुप से धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट वापस लेने की मांग की है. महाराष्ट्र के कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मामले में ना सिर्फ एक स्वतंत्र एसआईटी की बनाने की मांग की है, बल्कि इस बात पर भी जोर दिया है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना के काम से अडानी ग्रुप को दूर किया जाए. कांग्रेस ने चेतावनी भी दी है और कहा कि अडानी ग्रुप का भी वही हश्र हो सकता है, जो सहारा ग्रुप का हुआ.
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने भी ट्वीट कर सरकार को घेरा है.
इस साल गंवाए 41 अरब डॉलर
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 में Gautam Adani की कंपनियों ने बेस्ट परफॉरमेंस दी और शेयरों की रफ्तार का असर उनकी नेटवर्थ पर पड़ता चला गया. साल के आखिर में गौतम अडानी Top-10 Billionaires की लिस्ट में दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे. हालांकि, वे इस पायदान पर ज्यादा देर तक नहीं सके. फिर भी लंबे समय तक अडानी दुनिया के तीसरे या चौथे अमीर बनकर अपना दबदबा बनाए रहे. नए साल 2023 की शुरुआत में सब कुछ ठीक चल रहा था और फिर अडानी ग्रुप (Adani Group) को लेकर अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट (Hindenburg Report) सामने आई. 24 जनवरी को पब्लिश हुई इस रिपोर्ट ने अडानी के साम्राज्य में ऐसी उथल-पुथल मचाई कि महीने भर में ही उनकी नेटवर्थ से करीब 48 अरब डॉलर साफ हो गए और वे टॉप-10 अमीरों की लिस्ट से ही बाहर निकल गए.
फुल सब्सक्राइब्ड FPO लिया वापस
Hindenburg रिसर्च रिपोर्ट से निवेशकों के सेंटिमेंट पर जो विपरीत असर हुआ, उसने अडानी ग्रुप की कंपनी के शेयरों में में सुनामी लाने का काम किया. लगातार नुकसान झेल रहे गौतम अडानी को अपनी कंपनी Adani Enterprises का 20,000 करोड़ रुपये फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) फुल सब्सक्राइब्ड होने के बाद भी वापस लेना पड़ा. उन्होंने एफपीओ वापस लेते हुए इसकी बड़ी वजह बताते हुए खुद बयान जारी कर कहा, 'हमारे निवेशकों ने मुझे बनाया है और हम उनका किसी भी तरह का नुकसान नहीं कराना चाहते, ऐसे में इस ऑफर को वापल ले रहे हैं. जिन निवेशकों ने इसमें पैसे लगाए हैं, उनकी रकम वापस की जाएगी.