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कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा को बताया बीजेपी का कार्यक्रम, कहा- धार्मिक अनुष्ठान साधु-संतों का काम

जहां बीजेपी एक तरफ राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों में जुटी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हमले कर रही है. कांग्रेस ने कहा है कि अयोध्या में कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं बल्कि राजनीतिक आयोजन हो रहा है.

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प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस नेता पवन खेड़ा

अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा की आध्यात्मिक तैयारियां जोरों पर चल रही है. सरकार इस ऐतिहासिक आयोजन को कामयाब बनाने में जोर-शोर से लगी है.  वहीं दूसरी तरफ रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर राजनीति के हवन-कुंड में बयानों की आहूति भी खूब डाली जा रही है. बयानबाजी का सिलसिला थम ही नहीं रहा है. कांग्रेस द्वारा प्राण प्रतिष्ठा समारोह के न्योते को ठुकराने के बाद बीजेपी पूछ रही है कि मजार पर जाने में संकोच नहीं तो मंदिर से परहेज क्यों?

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कांग्रेस का सरकार पर हमला

अब कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेस करते हुए कहा है कि सरकार कौन होती है वीवीआईपी पर निर्णय लेने वाली? कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि विज्ञापन में भगवान राम को उंगली पकड़ाकर चलाने वाले आप कौन हैं, क्या आप भगवान से ऊपर हैं? उन्होंने कहा कि यह कोई धार्मिक कार्यक्रम नहीं है बल्कि एक राजनीतिक आयोजन है. कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि धर्म; व्यक्तिगत आस्था का मामला है और धार्मिक अनुष्ठानों में संबंधित नियमों को ध्यान में रखना चाहिए.

बीजेपी ने किया बांटने का काम- कांग्रेसट
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'चारों शंकराचार्यों का कहना है कि धार्मिक अनुष्ठानों को करने का तरीका और विधि धार्मिक लोगों पर छोड़ देना चाहिए. राम राज्य में 44% की बेरोजगारी की दर आई है तो राम राज्य में तो नौकरी मिलनी चाहिए...? धार्मिक अनुष्ठानों का काम है वो हमारे साधु, संतो को करना चाहिए लेकिन ये बीड़ा भाजपा ने उठा लिया है. भाजपा ने देश को बांटा है लेकिन अब सनातन धर्म को संप्रदाय में बांटने का काम भाजपा ने किया है. 15 तारीख को सभी कांग्रेस नेता वहा मंदिर के दर्शन करने जा रहे हैं लेकिन हम 22 को राजनीतिक कार्यक्रम मे नहीं जाएंगे.'

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पवन खेड़ा ने सवाल करते हुए कहा , 'क्या भगवान के मंदिर में निमंत्रण से जाया जाता है? किस तारीख को किस श्रेणी का व्यक्ति मंदिर जाएगा, क्या यह एक राजनीतिक दल तय करेगा? क्या एक राजनीतिक दल तय करेगा कि मैं अपने भगवान से मिलने कब जाऊं? न इंसान किसी को मंदिर में बुला सकता है और न इंसान किसी को मंदिर जाने से रोक सकता है. किसी भी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का एक विधि विधान होता है, धर्म शास्त्र होते हैं. चारों पीठों के शंकराचार्य स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि एक अधूरे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती.ऐसे में अगर यह कार्यक्रम धार्मिक नहीं है, तो यह कार्यक्रम राजनीतिक है.'

एक आदमी के राजनीतिक करियर के लिए हम अपने भगवान का खिलवाड़ हम कैसे देख सकते हैं? हम जानना चाहते है मंदिर में कौन आए या न आए ये बताने वाले आप कौन होते हैं? आधी अधूरी प्राण प्रतिष्ठा करने वाले आप कौन होते हैं? क्या आप भगवान और शंकराचार्य से उपर हैं? आप हैं कौन ? आप कांग्रेस की नहीं अपनी चिंता कीजिए.

11 हजार से ज्यादा VIP मेहमान अयोध्या पहुंचेंगे

बता दें, 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है. उद्घाटन की तैयारी अब अंतिम चरण में है. इस बीच एक ओर जहां श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट लगातार तैयारी की जानकारी साझा कर रहा है, वहीं राम मंदिर के इस महायज्ञ में देश का हर राम भक्त अपनी आहुति अर्पित कर रहा है.

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आने वाली 22 जनवरी को कई संत, महात्मा और जिन भक्तों ने राम मंदिर के लिए संघर्ष किया वो सभी अयोध्या पहुंचेंगे. न केवल 22 जनवरी को बल्कि 12 जनवरी से ही मेहमानों का अयोध्या जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा. राम नगरी में 11,000 से ज्यादा वीआईपी मेहमानों के स्वागत की तैयारी की जा रही है. 

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