विपक्ष के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने महाकुंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा स्पीच पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा किसकांग्रेस, भारत की सांस्कृतिक विरासत पर उनके बयान का समर्थन करती है, लेकिन प्रधानमंत्री इस आयोजन के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देने में फेल रहे. राहुल गांधी ने कहा, "हम प्रधानमंत्री द्वारा कही गई बातों का समर्थन करते हैं, कुंभ हमारा इतिहास और संस्कृति है. हमारी एकमात्र शिकायत यह है कि प्रधानमंत्री ने कुंभ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दी."
राहुल गांधी ने इस मौके पर बेरोजगारी पर भी चिंता जताई और कहा कि महाकुंभ में शामिल होने वाले युवा सिर्फ प्रशंसा से ज्यादा की उम्मीद करते हैं- उन्हें नौकरी चाहिए. उन्होंने कहा कि महाकुंभ में शामिल होने वाले युवा प्रधानमंत्री से एक और चीज चाहते हैं, वह है रोजगार.
'यह नया भारत है...'
संसद में विपक्ष की आवाज पर प्रतिबंध को लेकर सरकार पर कटाक्ष करते हुए गांधी ने कहा, "लोकतांत्रिक ढांचे के मुताबिक, विपक्ष के नेता को बोलने का मौका मिलना चाहिए, लेकिन वे हमें बोलने नहीं देंगे. यह नया भारत है."
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस की वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा कि विपक्ष की भी महाकुंभ के प्रति भावनाएं हैं, उन्हें भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी.
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'विपक्ष को भी दो मिनट...'
प्रियंका गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "वे महाकुंभ पर आशावादी ढंग से बोल रहे थे. विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था, क्योंकि विपक्ष की भी इसके (महाकुंभ) प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी."
नरेंद्र मोदी ने क्या कहा?
इससे पहले आज प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ को भारत की एकता और विरासत का एक भव्य प्रतीक बताया और सरकारी कर्मचारियों और स्वयंसेवकों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, "महाकुंभ की सफलता में कई लोगों की भूमिका रही है. मैं सरकार और समाज के सभी 'कर्मयोगियों' को धन्यवाद देता हूं."
धार्मिक समागम के पैमाने पर बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि प्रयागराज में 45 दिनों तक चले इस आयोजन में 66 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्नान किया.
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वैश्विक संघर्षों और बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच, नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को भारत की एकता का एक शक्तिशाली उदाहरण बताते हुए कहा, "इस एकता का भव्य प्रदर्शन हमारी महान शक्ति है."
बता दें कि महाकुंभ को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक सफलता के रूप में मनाया गया, इसे त्रासदी और आलोचना का भी सामना करना पड़ा. आधिकारिक सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मौनी अमावस्या के दौरान 29 जनवरी को भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई. हालांकि, विपक्ष का दावा है कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज़्यादा थी.