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राहुल गांधी बोले- लोकतांत्रिक देश को चुप करना जारी, पहले आवाज दबाई और सस्पेंशन

राज्यसभा चेयरमैन ने सोमवार को आठ सांसदों को सस्पेंड कर दिया. इस सस्पेंशन के बाद कई राजनीतिक बयान आ रहे हैं, अब राहुल गांधी ने भी इस फैसले का विरोध किया है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साधा निशाना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साधा निशाना
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल गांधी का मोदी सरकार पर निशाना
  • आवाज को दबा रही है सरकार: राहुल

किसान बिल को लेकर संसद में बीते दो दिनों में जमकर बवाल हुआ है. पहले रविवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला, फिर सोमवार को हंगामा करने वाले सांसदों को ही सस्पेंड कर दिया गया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को इस मसले पर सरकार को घेरा. राहुल ने कहा कि मोदी सरकार लोकतांत्रिक देश को चुप करने में जुटी है. 

राहुल गांधी ने इस मसले पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि लोकतांत्रिक देश को चुप कराना जारी है. शुरुआत में आवाज दबा देना, फिर सांसदों को सस्पेंड कर देना और किसानों को लेकर लाए गए काले कानून पर आंखें बंद कर लेना. 

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सर्वज्ञानी सरकार के घमंड ने पूरे देश के लिए आर्थिक आपदा में धकेल दिया है. 

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आपको बता दें कि रविवार को किसान बिल पर चर्चा और वोटिंग के दौरान कई सांसदों ने राज्यसभा की वेल में आकर प्रदर्शन किया. इस दौरान उपसभापति की टेबल पर रखे कागज फाड़े गए और माइक को तोड़ दिया गया. इसी पर एक्शन लेते हुए सोमवार को राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने कुल आठ सांसदों को सस्पेंड कर दिया. 

सस्पेंड हुए सांसदों में संजय सिंह, डेरेक ओब्रायन जैसे नेता भी शामिल हैं. ये सभी सांसद सस्पेंशन के बाद भी सदन छोड़कर नहीं गए और राज्यसभा में ही हंगामा करते हुए धरने पर बैठ गए. हालांकि, उपसभापति की ओर से बार-बार सभी से बाहर जाने की अपील की गई क्योंकि इनके बाहर जाए बिना सदन में कोई और काम नहीं हो सकता है. 

राहुल गांधी से पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी सरकार के फैसले को गलत बताया था. ममता ने कहा था कि देश के लोगों को जाग जाना चाहिए, जबतक हम पूरी तरह से नरेंद्र मोदी सरकार की तानाशाही में विलुप्त हो जाएं.

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