लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा उन्हें 'एंटी-बिजनेस' के रूप में पेश किया जा रहा है, जबकि उनका असल में रुख 'एंटी-मोनोपॉली' और 'एंटी-ऑलिगोपॉली' है. उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके द्वारा लिखे गए एक लेख के प्रकाशित होने के बाद कई 'फेयर-प्ले' व्यवसायों ने उन्हें बताया कि एक वरिष्ठ मंत्री उन्हें फोन करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की योजनाओं के बारे में सोशल मीडिया पर अच्छे शब्द कहने के लिए दबाव बना रहे हैं.
राहुल गांधी ने लिखा था लेख
राहुल गांधी का ये बयान ऐसे समय में आया है जब उन्होंने "द इंडियन एक्सप्रेस" में एक लेख लिखा था. इस लेख में उन्होंने कहा था कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 150 साल पहले अपने संचालन को समाप्त कर दिया था, लेकिन जो भय उस समय पैदा हुआ था वह अब फिर से लौट आया है. अब एक नई किस्म के मोनोपोलिस्ट ने उसकी जगह ले ली है.
राहुल गांधी ने क्या कहा
राहुल गांधी ने गुरुवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट कर साफ किया कि, 'मैं अपनी बात स्पष्ट करना चाहता हूं, मुझे BJP ने एंटी-बिजनेस के रूप में प्रस्तुत किया है, लेकिन मैं बिल्कुल भी एंटी-बिजनेस नहीं हूं, मैं एंटी-मोनोपॉली हूं, मैं एंटी-ऑलिगोपॉली हूं, और मैं एक या दो या पांच लोगों द्वारा व्यापार के प्रभुत्व के खिलाफ हूं.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैंने अपना करियर एक मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में शुरू किया था और मैं जानता हूं कि एक व्यवसाय को सफल बनाने के लिए किन चीजों की जरूरत होती है. इसलिए मैं फिर से दोहराना चाहता हूं, मैं एंटी-बिजनेस नहीं हूं, मैं एंटी-मोनोपॉली हूं.'
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि आज एक नया मोनोपोली वर्ग उभरा है, जो अपार संपत्ति जमा कर रहा है, जबकि भारत पहले से कहीं अधिक असमान और अन्यायपूर्ण बन गया है.
बीजेपी ने लगाया ये आरोप
बीजेपी ने राहुल गांधी पर निशाना साधा है. भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी का आरोप बेबुनियाद है और उन्हें मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर कमेंट करने से पहले कई कंपनियों की राय को सुनना चाहिए.