देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई के नए बॉस को लेकर केंद्र और कांग्रेस आमने-सामने है. सूत्रों ने इंडिया टुडे टीवी को बताया कि कांग्रेस पार्टी ने नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए चयन समिति द्वारा विचार के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया पर अपनी असहमति दर्ज की है.
सीबीआई के नए बॉस को चुनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की सोमवार शाम को बैठक हुई. बैठक में 109 अधिकारियों में से शार्टलिस्ट किए गए 16 उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा हुई. सूत्रों के अनुसार लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए.
हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली समिति ने तीन उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगा दी है और इसे नियुक्ति समिति को भेज दिया. सूत्रों के अनुसार, जिन तीन नामों को शार्टलिस्ट किया गया, वह- वीएसके कौमुदी (विशेष सचिव आंतरिक सुरक्षा, गृह मंत्रालय), सुबोध जायसवाल (डीजी, सीआईएसएफ) और केआर चंद्रा (डीजी, एसएसबी) हैं.
इंडिया टुडे टीवी को सूत्रों ने बताया है कि कांग्रेस ने नए सीबीआई निदेशक के पद के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट करने के तरीके पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है. प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में केंद्रीय गृह मंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा में विपक्ष के नेता शामिल हैं.
विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें सोमवार को ही 16 उम्मीदवारों की लिस्ट दी गई, जबकि शुरुआत में उन्हें 109 आवेदकों की सूची सौंपी गई थी. कांग्रेस ने डीओपीटी द्वारा उम्मीदवारों की मनमानी शॉर्टलिस्टिंग पर आपत्ति जताई और चयन प्रक्रिया को आकस्मिक और अतिश्योक्तिपूर्ण करार दिया.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूछा कि किस आधार पर 93 उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया से हटा दिया गया. इसके अलावा समिति के सामने 16 शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की सूची में पांच पेंशनभोगी शामिल थे. 16 अधिकारियों की लिस्ट में वाईसी मोदी (डीजी, एनआईए) और राकेश अस्थाना (डीजी, बीएसएफ) के नाम सबसे आगे थे, लेकिन विचार ही नहीं किया गया.