देश की सबसे पुरानी का अध्यक्ष अब डिजिटल माध्यम से चुनाव जाएगा. कांग्रेस ने ऐतिहासिक बदलाव करते हुए फैसला किया है कि नए अध्यक्ष का चुनाव डिजिटली होगा. इसके बाद ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के डेलिगेट्स को डिजिटल आईडी कार्ड जारी करने की कवायद शुरू हो गई. सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी की ओर से वोटर लिस्ट बनाने का काम किया जा रहा है.
सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी ने सभी स्टेट यूनिट्स से एआईसीसी डेलिगेट्स का डिजिटल फोटोग्राफ मांगा है. करीब 1500 डेलिगेट्स इस चुनाव में हिस्सा लेंगे. माना जा रहा है कि राहुल गांधी के लिए एक मंच तैयारी किया जा रहा है, लेकिन अगर अध्यक्ष पद पर कोई और चुनाव लड़ता है तो स्थिति नाटकीय हो जाएगी.
राहुल गांधी की हो सकती है ताजपोशी
कुछ लोगों का मानना है कि अगर राहुल गांधी कांग्रेस के सिंहासन पर वापस लौटते हैं, तो यह दर्शाता है कि राहुल गांधी न केवल निर्विवाद नेता है, बल्कि सबसे लोकप्रिय भी हैं. अगर अध्यक्ष पद के दावेदार बढ़ते हैं तो सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी को पूरी चुनाव प्रक्रिया समयानुसार करनी होगी, जिसमें बैलेट वोटिंग शामिल हैं.
चुनावी दंगल के लिए सेंट्रल इलेक्शन अथॉरिटी तैयार
चुनाव से जुड़े एक नेता ने कहा कि हम एक चुनाव की तैयारी कर रहे हैं और किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहेंगे, दो राज्यों को छोड़कर हमने देश के अन्य हिस्सों से डेलिगेट्स की लिस्ट मिल गई है और जब हम चुनावी दंगल के साथ तैयार हो जाएंगे तो कांग्रेस अध्यक्ष को सूचित करेंगे.
एआईसीसी डेलिगेट्स की सूची वैसी ही होगी जैसी 2017 में राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के दौरान थी. हालांकि अपडेशन की प्रक्रिया चल रही है. इस बार हर डेलिगेट्स के आईडी कार्ड में एक बारकोड होगा, जिसमें मतदाता का सभी डिटेल होगा. जल्द ही वोटर आईडी कार्ड भेजा जाएगा.
राहुल के इस्तीफे के बाद सोनिया बनी हैं अंतरिम अध्यक्ष
आपको बता दें कि इस बार कांग्रेस के नियमित अध्यक्ष के चुनाव होगा, जो अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की जगह लेगा. नए नियमित अध्यक्ष का कार्यकाल सिर्फ दो साल होगा. हाल में ही सोनिया को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था, क्योंकि राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. नए अध्यक्ष का कार्यकाल 2022 तक होगा.
केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव
चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस ने डिजिटल माध्यम से चुनाव कराने का फैसला किया है. दरअसल, पार्टी के अंदर ही नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट तेज हो गई और कई नेता खुलकर बोल रहे हैं. इसके बाद से ही केंद्रीय नेतृ्त्व पर दबाव बढ़ रहा है. वंशवाद का दंश झेल रही कांग्रेस के सामने संगठन के चुनाव को पारदर्शी और लोकतांत्रिक बनाने की चुनौती है.
अगले साल 5 राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी जल्द ही अध्यक्ष पद का चुनाव और अधिवेशन बुलाना चाहती है. चुनाव प्राधिकरण में अरविंदर सिंह लवली, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, कर्नाटक के पूर्व मंत्री कृष्ण बायर गौड़ा और लोकसभा सांसद जोथिमणि हैं. इस इलेक्शन अथॉरिटी के चैयरमैन मधुसूदन मिस्त्री हैं.