गलवान घाटी में बीते साल हुई भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प की बरसी के मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार को घेरा है. सोनिया गांधी ने कहा कि धैर्यपूर्वक इस बात का इंतजार किया गया कि केंद्र सरकार आगे आए और गलवान घाटी में हुई हिंसा के बारे में जानकारी दे. सरकार से उम्मीद की गई कि देश के लोगों को यह बताया जाए कि किन हालातों में ऐसी परिस्थिति बनी जिसके चलते यह अभूतपूर्व घटना हुई. साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सेना के जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा.
कांग्रेस की अध्यक्ष की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि कांग्रेस को अब भी इस बात की फिक्र है कि केंद्र की तरफ से अबतक स्थिति साफ नहीं की गई है. इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी बयान पिछले साल आया था जिसमें कहा गया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई. हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में कई बार जानकारी मांगी और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में उठाए गए कदम का भी ब्योरा मांगा. चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है.
सोनिया गांधी के बयान में कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी गुजारिश करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि 14-15 जून, 2020 की रात को चीन की पीएलए के साथ हुई झड़प को एक साल पूरे हो गए हैं. इसमें बिहार रेजिमेंट के हमारे 20 जवान शहीद हुए थे. कांग्रेस हमारे जवानों के बलिदान को याद करने में देश के साथ खड़ी है.