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पीएम मोदी पर राहुल गांधी का हमला, बोले- आदत के अनुसार आज फिर असत्याग्रह किया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला जारी है. राहुल गांधी ने आज शुक्रवार को ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि आदत के अनुसार मोदी जी ने आज फिर असत्याग्रह किया. किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लो!

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर फिर से हमला बोला (फाइल-पीटीआई)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर फिर से हमला बोला (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लोः राहुल गांधी
  • 'अहंकार में डूबी सरकार के हाथ 24 अन्नदाताओं के खून से सने'
  • आज PM मोदी अपनी लिखी बात से ही क्यों मुकर रहेः कांग्रेस

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला जारी है. राहुल गांधी ने आज शुक्रवार को ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कृषि कानून वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि आदत के अनुसार मोदी जी ने आज फिर असत्याग्रह किया. वहीं कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार को किसान से छल, कपट, ढोंग और प्रपंच बंद करना चाहिए. 

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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आदत के अनुसार मोदी जी ने आज फिर असत्याग्रह किया. किसानों की बात सुनो, कृषि विरोधी कानून वापस लो!

24 अन्नदाताओं के खून से सने हैं सरकार के हाथः कांग्रेस

इस बीच कांग्रेस की ओर से जारी बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया गया. कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि दिल्ली की सीमा पर बैठे लाखों किसानों को दरकिनार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस से मध्यप्रदेश में किसानों से वार्तालाप का ढोंग और प्रपंच कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि हिमालय की चोटी से ऊंचे अहंकार में डूबी मोदी सरकार के हाथ 24 अन्नदाताओं के खून से सने हैं, जो 21 दिन से लाखों की संख्या में देश की राजधानी, दिल्ली के चारों ओर न्याय की गुहार लगा रहे हैं.

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कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार अब ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ से भी बड़ी व्यापारी बन गई है, जो किसान की मेहनत की गंगा को मैली कर मुट्ठीभर पूंजीपतियों को पैसा कमवाने पर आमादा है. मोदी सरकार को किसान से छल, कपट, ढोंग और प्रपंच बंद करना चाहिए. 

प्रधानमंत्री मोदी, तीन खेती विरोधी काले कानूनों की दीवारों की दरार को सरकारी दुष्प्रचार और झूठे इश्तेहारों से ढंकना चाहते हैं. ऐसा नहीं है कि बीजेपी सरकार ने इन काले कानूनों के क्रूर प्रहार से पहली बार किसानों पर वार किया है. सत्ता संभालते ही मोदी सरकार पूंजीपतियों पर सारे सरकारी संसाधन वार कर किसानों को दरकिनार करती रही है. कांग्रेस ने कहा कि तीन काले कानूनों के दुष्परिणाम मध्यप्रदेश की मंडियों से ही आने लगे हैं.

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कांग्रेस ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मध्यप्रदेश के किसानों को संबोधित कर रहे थे. काश, मध्यप्रदेश का हाल ही जान लिया होता. मध्यप्रदेश में 269 सरकारी कृषि उपज मंडिया हैं जिसमें से कानून आने के बाद 47 मंडिया तो पूरी तरह बंद हो गई हैं जहां एक पैसे का कारोबार नहीं हुआ और 143 मंडिया ऐसी हैं जहां का कारोबार 50 प्रतिशत तक कम हो गया है, अर्थात कानून के आते ही असर शुरू हो गया. इतना ही नहीं, 1850 रुपये समर्थन मूल्य का मक्का मध्यप्रदेश में 810 रुपये में और बिहार में 900 रुपये मात्र में बिका है. काले कानून आते ही किसान समर्थन मूल्य से कम बेचने पर मजबूर हो रहे हैं.

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सीएम मोदी की बात क्यों नहीं मानते पीएम मोदी: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन मूल्य की गारंटी पर मुख्यमंत्री मोदी की बात क्यों नहीं मानते. बतौर मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष के तौर पर लिखकर सिफारिश की थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जानी चाहिए तो आज प्रधानमंत्री मोदी अपनी लिखी बात से ही क्यों मुकर रहे हैं.

कांग्रेस ने कहा कि किसानों को देशद्रोही बता अपमानित करना बंद कीजिए और माफी मांगिए. आज दुख इस बात का है जिन किसानों से मोदी सरकार कर रही बर्बरता और बेवफाई है, उन्हीं की बदौलत प्रधानमंत्री के सिंहासन में रौनक आई है. आज भाजपाई मंत्रीगण और मोदी सरकार उन्हीं किसान भाइयों को आतंकी, कुकुरमुत्ता, टुकड़े टुकड़े गैंग, गुमराह गैंग, खालिस्तानी बता रहे हैं. शर्मनाक है, कृषि मंत्री ने तो अपने पत्र में किसानों को ‘राजनैतिक कठपुतली’ तक कह दिया. इस शर्मनाक व्यवहार को छोड़ प्रधानमंत्री और उनके मंत्रियों को किसानों से माफी मांगनी चाहिए और तीनों काले कानून वापस लेने चाहिए.

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