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कांग्रेस ने विदेश मंत्री जयशंकर के बेटे को घेरा, पवन खेड़ा का आरोप- उन्हें चीनी दूतावास से 3 बार फंड मिला

अरुणाचल के तवांग में हुई झड़प के बाद BJP ने राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा था. इसका पलटवार करते हुए अब कांग्रेस ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे को घेरा है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जिस संगठन में विदेश मंत्री का बेटा काम करता है, उस संगठन को चीनी दूतावास से तीन बार फंड मिला है.

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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (फाइल फोटो)
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (फाइल फोटो)

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प के बाद इस मुद्दे पर शुरू हुई राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है. तवांग क्लैश के बाद बीजेपी ने राजीव गांधी फाउंडेशन पर गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन अब कांग्रेस ने इसका पलटवार किया है. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बेटे को घेरते हुए कहा कि यह पब्लिक डोमेन में है कि पैसा राजीव गांधी फाउंडेशन द्वारा लिया गया था. संगठनों को हर जगह से अनुदान मिलता है.

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उन्होंने कहा कि जिस संगठन के लिए विदेश मंत्री का बेटा काम करता है, उस संगठन को भी चीनी दूतावास से तीन बार फंड मिला है, लेकिन हमने तो कोई आरोप नहीं लगाया, क्योंकि इसी तरह धन जुटाया जाता है.

बीजेपी को घेरते हुए पवन खेड़ा ने कहा कि आप जवाब दें कि पीएम मोदी चीन से क्यों डरते हैं, वह चीन को लेकर कुछ बोलते क्यों नहीं हैं, कांग्रेस नेता ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि पीएम मोदी चीन को क्लीन चिट क्यों देते हैं.

इससे पहले कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन से लगी सीमा पर स्थिति पर संसद में बहस से 'भागने' का आरोप लगाया था. कांग्रेस ने कहा था कि इस मुद्दे पर जवाब प्रधानमंत्री मोदी को देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री को. कांग्रेस ने भारत-चीन सीमा मुद्दे पर सरकार से सवाल किए और कहा कि देश उनसे जवाब मांगता है और इसका हकदार है.

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वहीं पवन खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि माउंटेन स्ट्राइक कोर का दूसरा डिवीजन जो पठानकोट में बनना था, वह इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि एक 'चीन-प्रेमी' प्रधानमंत्री सत्ता में आया था.

चर्चा में क्यों है राजीव गांधी फाउंडेशन की फंडिंग का मामला?

 तवांग में झड़प के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से चंदा मिलने का मुद्दा उठाया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005-07 के बीच में चीन से चंदा मिला था. इसके बाद विपक्ष लगातार हमलावर है.

हालांकि केंद्र सरकार ने इस साल अक्टूबर में राजीव गांधी फाउंडेशन (RGF) और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट (RGCT) का FCRA लाइसेंस रद्द कर दिया था. FCRA यानी फॉरेन कन्ट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट. ये लाइसेंस रद्द होने के बाद फाउंडेशन को किसी भी तरह की विदेशी फंडिंग नहीं मिल सकती.

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