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PMO अधिकारी बनकर J&K के अफसरों से मिला ठग, महीनों तक किया LOC का दौरा, ऐसे हुआ गिरफ्तार

किरण भाई पटेल के रूप में पहचाने जाने वाले कथित ठग ने खुद को पीएमओ में एडीश्नल डायरेक्टर के पद पर बताया था. किरण पटेल पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा था. गिरफ्तार होने से पहले वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब उरी में कमान पोस्ट से होते हुए श्रीनगर के लाल चौक तक पहुंचा था.

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पीएमओ का अधिकारी बनकर ठगी करने वाला किरण पटेल (फोटो- ट्विटर)
पीएमओ का अधिकारी बनकर ठगी करने वाला किरण पटेल (फोटो- ट्विटर)

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जिसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का एक शीर्ष अधिकारी बताकर केंद्र शासित प्रदेश में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कीं. कमाल की बात ये हैं कि किसी को भनक भी नहीं लगी कि वह एक ठग है.

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अधिकारी बनकरा LOC के करीब दौरा कर रहा था 

किरण भाई पटेल के रूप में पहचाने जाने वाले कथित ठग ने खुद को पीएमओ में एडीश्नल डायरेक्टर के पद पर बताया था. सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि किरण पटेल पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा था. गिरफ्तार होने से पहले वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब उरी में कमान पोस्ट से होते हुए श्रीनगर के लाल चौक तक पहुंचा था.

फुल सेक्योरिटी के साथ लक्जरी होटल में रहा

श्रीनगर के निशात पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, किरण पटेल इस पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र और कश्मीर घाटी के अन्य हिस्सों में गतिविधियों में शामिल था.'' पकड़ा जाने से पहले तक उसने सरकारी आतिथ्य का आनंद लिया. साथ ही उसे एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और एक लक्जरी होटल में कमरा भी दिया गया था. किरण पटेल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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'कॉनमैन को समय पर क्यों नहीं पकड़ा गया'

पुलवामा के उपायुक्त (डीसी) बशीर उल हक और पुलिस अधीक्षक जुल्फकार आजाद से जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ की कि कथित कॉनमैन को समय पर क्यों नहीं पकड़ा गया. सूत्रों ने कहा कि गुजरात पुलिस की एक टीम भी जांच में शामिल हुई है.

CID ने पता लगाई ठगी

अभी तक जम्मू-कश्मीर पुलिस इस घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए है. लेकिन सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को इसकी भनक लगने से पहले ही सीआईडी ​​शाखा ने ठगी का पता लगा लिया था.

पहले भी आया PMO अधिकारी बनकर ठगी का मामला
 
बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब किसी ने खुद को पीएमओ का अधिकारी बताकर ठगी की हो, बल्कि पहले भी ऐसे मामले आते रहे हैं. साल 2020 में  दिल्ली पुलिस ने ऐसे ही एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया था, जिसने मैट्रिमोनियल वेबसाइट पर अपना एक फेक प्रोफाइल बना रखा था. आरोपी खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय और गृह मंत्रालय कार्यालय में मुख्य सुरक्षा अधिकारी भी बताता था और लोगों पर रौब झाड़ता था. आरोपी का नाम मुदित है. उसने अपने प्रोफाइल पर लिखा था कि वो कई फैक्टरियों का मालिक है. साथ ही महंगी और लक्सरी कार किराए पर दे रखी हैं. वह बेहद चालाकी से तलाकशुदा उन कामकाजी महिलाओं को टारगेट करता था, जो कम से कम एक लाख रुपये महीना कमाती हों. 

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भरोसा जीतने के बाद वह कभी फैक्ट्री में नुकसान की बात करता, तो कभी अपनी कार के एक्सीडेंट की बात कहता और महिला से पैसे मांगने लगता. जब मुदित को लगता कि महिला पूरी तरह उसके वश में है, तो वह पर्सनल लोन भी उसी के एकाउंट से ले लेता. फिर जब उसे लगता कि सामने वाली महिला के पास अब पैसे नहीं है, तो वो गायब हो जाता और अपना मोबाइल नंबर भी बदल देता.

 

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