कर्नाटक सरकार ने व्यापक जांच के लिए उडुपी कॉलेज वॉशरूम वीडियो मामले की जांच कर्नाटक सीआईडी को ट्रांसफर कर दी है. पहले मामले की जांच उडुपी पुलिस कर रही थी. बीजेपी इस मामले को सीबीआई या एसआईटी को सौंपने की मांग कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस मामले को कर्नाटक सीआईडी को देने का फैसला किया है.
3 छात्राएं हुई थीं कॉलेज से निलंबित
पिछले महीने एक पैरामेडिकल कॉलेज की एक छात्रा को वॉशरूम में वीडियो रिकॉर्डिंग मोड वाला एक मोबाइल मिला था, उसने तुरंत कॉलेज प्रशासन को सूचित किया और कॉलेज प्रशासन ने वॉशरूम में मोबाइल रखने पर 3 मुस्लिम छात्राओं को निलंबित कर दिया, जिसके बाद मामला सुलझा गया था. शिकायतकर्ता ने कोई पुलिस शिकायत दर्ज नहीं की, लेकिन बाद में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं और भाजपा ने मुद्दा उठाया और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी कॉलेज में एक टीम भेजी.
पुलिस ने कॉलेज और छात्रों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया और सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ अफवाह फैलाने के लिए एक और मामला दर्ज किया था.
18 जुलाई को हुई थी घटना
बता दें कि ये घटना बीते महीने 18 जुलाई को हुई और मामले में 25 जुलाई को FIR दर्ज की गई थी. पुलिस सूत्रों ने बताया था कि उडुपी में एक पैरामेडिकल कॉलेज की तीन छात्राओं के खिलाफ कॉलेज के वॉशरूम में अपनी साथी छात्रा के वीडियो की कथित रिकॉर्डिंग को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. एफआईआर उडुपी के मालपे पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. FIR में तीन छात्राओं शबनाज, अल्फिया और अलीमा का नाम शामिल है. एफआईआर में कॉलेज प्रशासन का भी नाम था. मामले को आईटी अधिनियम की धारा 509, 204, 175, 34 और 66 (ई) के तहत दर्ज किया गया था.
पुलिस ने अफवाहों से बचने की अपील की थी
पुलिस की ओर से कहा गया कि नेत्र ज्योति इंस्टीट्यूट ऑफ अलाइड हेल्थ साइंसेज के वॉशरूम में वीडियो रिकॉर्डिंग के संबंध में दो अलग-अलग स्वत: संज्ञान मामले दर्ज किए गए हैं. एक छात्रा का निजी वीडियो रिकॉर्ड करने और बाद में उसे डिलीट करने का मामला तीन छात्राओं और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ दर्ज किया गया है.
पुलिस ने उन पर घटना से संबंधित विवरण और सबूत पेश करने में विफलता का आरोप लगाया है जिससे पीड़ित की प्रतिष्ठा खराब हो सकती है. घटना का एक रूपांतरित वीडियो कथित तौर पर एक यूट्यूब चैनल पर पर भी अपलोड किया गया था तो वहीं एक शख्स ने इसे ट्वीट भी किया था. दूसरी ओर इस मामले को सांप्रदायिक रंग देकर भी जोड़ गया. हालांकि पुलिस ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने की अपील की थी.