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जिस मुशर्रफ की वजह से हुई थी कारगिल जंग, उसे केरल में दी जानी थी श्रद्धांजलि, विवाद बढ़ने पर आई सफाई

बैंक ऑफ इंडिया के स्टाफ यूनियन के कार्यक्रम में कुछ चुनिंदा हस्तियों को श्रद्धांजलि दी जानी थी. इनमें पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नाम भी शामिल था. इस पर विवाद बढ़ गया है. हालांकि, यूनियन का दावा है कि लिस्ट में मुशर्रफ का नाम गलती से प्रिंट हो गया था.

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पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ. (फाइल फोटो-Reuters)
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ. (फाइल फोटो-Reuters)

दक्षिणी राज्य केरल में एक नया विवाद खड़ा हो गया है. यहां एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को श्रद्धांजलि देने की तैयारी थी. मुशर्रफ का नाम उन लोगों में शामिल था, जिन्हें कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी जानी थी. 

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दरअसल, शनिवार को केरल के अलप्पुझा में बैंक ऑफ इंडिया के स्टाफ यूनियन की स्टेट कॉन्फ्रेंस थी. इस कॉन्फ्रेंस में दुनिया की कई नामचीन हस्तियों को श्रद्धांजलि भी दी जानी थी. इस लिस्ट में परवेज मुशर्रफ का नाम भी लिखा था. इसी पर विवाद खड़ा हो गया है.

हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद यूनियन ने दावा किया है कि मुशर्रफ का नाम गलती से प्रिंट हो गया था और गलती का पता चलने पर उसे सुधार लिया गया. बाद में इस कार्यक्रम में मुशर्रफ का नाम नहीं लिया गया. 

इस कार्यक्रम का उद्घाटन कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को करना था, लेकिन वो इसमें शामिल नहीं हुए. वहीं, मुशर्रफ का नाम शामिल किए जाने के बाद विरोध में बीजेपी ने अलप्पुझा में कार्यक्रम स्थल तक मार्च भी निकाला. 

ये मामला कारगिल विजय दिवस की 25वीं बरसी के एक दिन बाद सामने आया है. मुशर्रफ ने ही पाकिस्तानी सेना को कारगिल में घुसपैठ करने का आदेश दिया था, जिसके कारण भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ था. 

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कौन थे परवेज मुशर्रफ?

परवेज मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना प्रमुख थे. 1999 में कारगिल वॉर के दौरान मुशर्रफ ही पाकिस्तानी आर्मी के चीफ थे. 1999 की जंग में पाकिस्तान की हार के बाद मुशर्रफ ने नवाज शरीफ सरकार का तख्तापलट कर दिया था. 12 अक्टूबर 1999 को मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने और अगस्त 2008 तक इस पद पर बने रहे. 

परवेज मुशर्रफ का नाम दो राजनीतिक हत्याओं में भी सामने आया. पहला नाम था- पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो. और दूसरा था- बलूच नेता अकबर बुगती. बुगती की हत्या के मामले में 2013 में मुशर्रफ को गिरफ्तार भी किया गया था. जबकि, 27 दिसंबर 2008 को बेनजीर भुट्टो की एक रैली में हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप भी मुशर्रफ पर लगा था. 

मार्च 2007 में मुशर्रफ ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि वो और 5 साल तक राष्ट्रपति बने रहना चाहते हैं. लेकिन विपक्ष उनके खिलाफ आ गया. मुशर्रफ को राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई.

8 सितंबर 2007 को सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 से मुशर्रफ को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी. हालांकि, मुशर्रफ के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा था. 3 नवंबर 2007 को मुशर्रफ ने पाकिस्तान में इमरजेंसी का ऐलान कर दिया. उन्होंने संविधान को भी निलंबित कर दिया और चीफ जस्टिस को भी बर्खास्त कर दिया. एक महीने बाद 15 दिसंबर 2007 को मुशर्रफ ने इमरजेंसी हटा दी. फरवरी 2008 में पाकिस्तान में आम चुनाव हुए. नई सरकार ने मुशर्रफ को पद से हटाने के लिए महाभियोग की तैयारी शुरू कर दी. हालांकि, 18 अगस्त 2008 को मुशर्रफ ने खुद ही पद से इस्तीफा दे दिया. 

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2013 के आम चुनाव में जीत के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) सत्ता में आई. नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बने. नवाज शरीफ की सरकार ने मुशर्रफ के खिलाफ संविधान की अवहेलना करने पर देशद्रोह का केस दर्ज किया. दिसंबर 2013 में मुशर्रफ के खिलाफ केस दर्ज हुआ और 31 मार्च 2014 को उन्हें आरोपी बनाया गया. इसी बीच 18 मार्च 2016 को मुशर्रफ इलाज के लिए दुबई चले गए. तब से लौटकर ही नहीं आए. हालांकि, उनके खिलाफ मुकदमा चलता रहा. इसी बीच पिछले साल 5 फरवरी को मुशर्रफ की मौत हो गई.

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