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Corbevax: भारत में बन रही वो वैक्सीन, जिसकी करोड़ों डोज बुक करने जा रही सरकार

देश की नामी फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई इन दिनों Corbevax वैक्सीन बना रही है. सरकार ने इस वैक्सीन के 30 करोड़ डोज अभी से बुक कर रही है. इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बायोलॉजिकल ई बना रही है वैक्सीन
  • 1500 करोड़ रुपये देगी केंद्र सरकार

भारत में कोरोना की दूसरी ढलान पर है और आने वाले समय में तीसरी लहर का खतरा है. वैज्ञानिकों की मानें तो तीसरी लहर को वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है, लेकिन देश में वैक्सीन की कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इसके तहत ही भारत में बन रही एक वैक्सीन के 30 करोड़ डोज बुक किए जा रहे हैं.

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देश की नामी फार्मा कंपनी बायोलॉजिकल ई इन दिनों Corbevax वैक्सीन बना रही है. सरकार इस वैक्सीन के 30 करोड़ डोज अभी से बुक कर रही है. इसके लिए 1500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा. बिना किसी नियामक से अप्रूवल मिले ही भारत की ओर से डोज की बुकिंग कराने वाला Corbevax पहली वैक्सीन बना गई है.

बायो ई की दो-खुराक वाली Corbevax वैक्सीन के भारत में उपलब्ध सबसे सस्ते कोरोना टीकों में से एक होने की संभावना है. यह भी उम्मीद है कि Corbevax का उत्पादन बढ़ाना आसान होगा. Corbevax एक पुनः संयोजक प्रोटीन प्लेटफॉर्म का उपयोग करता है, जिसका उपयोग वर्तमान में भारत में किसी अन्य वैक्सीन द्वारा नहीं किया जाता है.

पुनः संयोजक प्रोटीन वैक्सीन से SARS-CoV-2 यानी कोरोना वायरस के विशिष्ट भाग को लक्षित करने की उम्मीद है, जो शरीर को एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को ट्रिगर करने में मदद कर सकता है, इसमें इसकी सतह पर स्पाइक प्रोटीन होता है. 

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जबकि अन्य टीके कोशिकाओं को बनाने का निर्देश देकर स्पाइक प्रोटीन को लक्षित करते हैं. शरीर से स्पाइक प्रोटीन को एक खतरे के रूप में देखने और एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित करने की अपेक्षा की जाती है, जिससे वास्तविक वायरस की कोशिकाओं में प्रवेश करने और गंभीर बीमारी या मृत्यु का कारण बनने की क्षमता कम हो जाती है.

हेपेटाइटिस बी जैसे अन्य वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने के लिए Corbevax की ही तरह वैक्सीन का लंबे समय से उपयोग किया जाता है. टेक्सास के ह्यूस्टन स्थित बायलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन के रिसर्चर और बॉयो ई कंपनी साथ मिलकर Corbevax पर काम कर रही है.  

अगस्त 2020 में, बीसीएम और बायो ई ने भारत में ट्रायल करने और दुनिया के लिए वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए एक समझौता किया था. बताया जा रहा है कि यह वैक्सीन अभी ट्रायल के दौर में है और कुछ दिनों में ट्रायल के नतीजे सामने आएंगे.

 

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