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80 करोड़ लोगों के वैक्सीनेशन पर सरकार के खर्च हो सकते हैं 72,000 करोड़ रुपये: SBI रिसर्च 

सरकार अगस्त 2021 तक 30 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों को टीका लगाना चाहती है और साल 2022 के अंत तक 50 करोड़ अन्य लोगों को टीका लगा दिया जाएगा.

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 पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को लगेगी वैक्सीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को लगेगी वैक्सीन (प्रतीकात्मक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को लगेगा टीका
  • दूसरे चरण में 50 करोड़ के वैक्सीनेशन की योजना
  • इस पर कुल 72 हजार करोड़ हो सकते हैं खर्च

देश में कोविड-19 वैक्सीनशन के पहले चरण में ही सरकार के 21,000 से 27,000 करोड़ रुपये तक खर्च हो सकते हैं. यही नहीं, 80 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने पर 56,000 से 72,000 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है. 

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भारतीय स्टेट बैंक की रिसर्च टीम SBI Research की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. पहले चरण में सरकार कुल 30 करोड़ लोगों के टीकाकरण की व्यवस्था करेगी.

इसके बाद दूसरे चरण में सरकार 50 करोड़ अन्य लोगों को वैक्सीन लगाने का इंतजाम किया जाएगा. इसके लिए फिर सरकार को 35,000 से 45,000 करोड़ रुपये का खर्च करना होगा. 

 30 करोड़ को प्राथमिकता

गौरतलब है कि भारत में अब तक कुल दो वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है. पहली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, वहीं दूसरी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन है. देश में जल्द ही बड़े पैमाने पर टीकाकरण की शुरुआत हो सकती है, शुक्रवार को देशव्यापी ड्राई रन हो रहा है.

 इसे देखें: आजतक LIVE TV 

सरकार अगस्त 2021 तक 30 करोड़ प्राथमिकता वाले लोगों को टीका लगाना चाहती है और साल 2022 के अंत तक 50 करोड़ अन्य लोगों को टीका लगा दिया जाएगा.

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कैसे निकला खर्च का अनुमान 

एसबीआई का अनुमान है कि सीरम इंस्टीट्यूट का टीका Covishield सरकार को 250 से 300 रुपये प्रति डोज में में मिलेगा और प्रत्येक डोज की ढुलाई से लेकर लगाने तक में प्रशासनिक खर्च 100 से 150 रुपये तक होगा. इस तरह एक व्यक्ति को टीका लगाने पर 700 से 900 रुपये का खर्च आ सकता है. 

भारत बायोटेक के टीके को भी सरकार से मंजूरी मिली है, लेकिन अभी उसने इसकी कोई निर्धारित कीमत नहीं बतायी है. इस तरह एसबीआई को लगता है कि भारत को करीब 80 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने पर 56,000 से 72,000 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. 

 

 

 

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