राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी से होने वाली मौतों की संख्या पिछले 10 महीनों के सबसे निचले स्तर पर दर्ज की गई है. राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को कोरोना के 114 ताजा मामले दर्ज किए गए और इस दौरान दो लोगों की मौत हुई. एक दिन में कोरोना से होने वाली मौतों की ये संख्या पिछले 10 महीनों में सबसे कम है. मंगलवार को हुई दो मौतों के साथ दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौतों का आंकड़ा 10,858 पहुंच गया है, जबकि कुल कोरोना मामलों की संख्या 6,35,331 हो गई है.
दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 1,217 है. वहीं राजधानी में 6,23,256 मरीज इस महामारी से ठीक हो चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली के COVID-19 अस्पतालों में कुल 6,305 में से 5,684 बिस्तर खाली हैं. वहीं, होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की संख्या आब 466 रह गई है.
दिल्ली के आंकड़े...
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि जनवरी में दिल्ली में नवीनतम सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण में 56.13 फीसदी लोगों में कोरोनावायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है. यानि 56.13 फीसदी लोग कोरोना से संक्रमित हुए और खुद ठीक भी हो गए.
मंत्री ने यह भी बताया कि फ्रंटलाइन वोलेंटियर्स को इस सप्ताह COVID-19 वैक्सीन मिलना शुरू हो जाएगा, जिसके तहत सरकारी स्कूल के शिक्षकों, एमसीडी कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों, आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं सहित लगभग 6 लाख फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जाएगी. एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि कोरोनावायरस वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया अब हफ्ते में 4 की जगह 6 दिन चलेगी. मंगलवार को दिल्ली में कुल 9,357 लोगों को कोरोनावायरस का टीका लगाया गया.
कोविड-19 के मामलों में गिरावट
सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में पिछले 4 महीनों से कोविड-19 के मामलों में गिरावट का रुझान है और तथा इस तरह की स्थिति वाले देशों के मुकाबले भारत उन राष्ट्रों में शामिल है जहां प्रति 10 लाख की आबादी में प्रभावितों और मौत के आंकड़े सबसे कम हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी.
देश भर में 160 से अधिक डॉक्टरों की मौत
कोविड-19 महामारी की वजह से अब तक 162 डॉक्टरों, 107 नर्सों और 44 आशा कर्मियों की जान जा चुकी है. मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि यह आंकड़े 22 जनवरी तक राज्यों से मिली सूचनाओं पर आधारित हैं. चौबे ने कहा, 'कोविड-19 से प्रभावित और जान गंवाने वाले व्यक्ति के सत्यापन की जिम्मेदारी राज्य सरकार या केंद्र सरकार के संबद्ध प्राधिकारियों की है.'